Vasudev Nandan Hindi Book
डॉ॰ वासुदेवनन्दन प्रसाद लिखित “आधुनिक हिन्दी व्याकरण और रचना” सन् 1959 में पटना से प्रकाशित हुआ, जिसका तेरहवाँ संस्करण 1977 में निकला। डॉ॰ प्रभाकर माचवे की इस व्याकरण ग्रंथ पर प्रतिक्रिया इस प्रकार है – “हिन्दी में व्याकरण ग्रंथ, जो स्टैण्डर्ड माने जायें, बहुत थोड़े हैं। हिंदी के पाणिनी द्वारा लिखित हिंदी व्याकरण की महत्वपूर्ण जानकारी इस पुस्तक में दी गई है। हिंदी के पाणिनी द्वारा लिखित हिंदी व्याकरण की महत्वपूर्ण जानकारी इस पुस्तक में दी गई है।
वसुदेव नंदन हिंदी व्याकरण का संक्षेप में सारांश
हिंदी वर्णमाला और उच्चारण
- स्वर, व्यंजन और उनके प्रकार।
- उच्चारण के नियम और शुद्ध उच्चारण के महत्त्व।
2. शब्द और उनके भेद
- संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रियाविशेषण, आदि।
- शब्दों के निर्माण और प्रयोग के नियम।
3. वाक्य रचना
- वाक्य के प्रकार (सरल, संयुक्त, मिश्रित)।
- वाक्य संरचना और उनका सही प्रयोग।
4. संधि और समास
- संधि के प्रकार: स्वर, व्यंजन और विसर्ग।
- समास के प्रकार: अव्ययीभाव, तत्पुरुष, कर्मधारय, द्वंद्व, बहुव्रीहि।
5. कारक और विभक्ति
- कारक के प्रकार और उनका प्रयोग।
- विभक्ति चिह्न और उनका महत्व।
6. काल और क्रियाएं
- वर्तमान, भूत और भविष्य काल।
- क्रिया के प्रकार: सकर्मक, अकर्मक, निपात, आदि।
7. अलंकार और रस
- प्रमुख अलंकार (शब्दालंकार और अर्थालंकार)।
- रस के प्रकार और उनकी व्याख्या।
8. छंद और वृत
- हिंदी कविता में प्रयुक्त छंदों का वर्णन।
- वृत और उनकी पहचान।
9. पुनरुक्ति और अशुद्धि शोधन
- वाक्य और शब्दों की अशुद्धियों को पहचानना और सुधारना।
- सही शब्द चयन और वाक्य विन्यास।
10. पत्र लेखन और निबंध लेखन
- औपचारिक और अनौपचारिक पत्रों की शैली।
- निबंध लेखन के प्रारूप और नियम।