Kartik Mass Katha Book – कार्तिक मास व्रत कथा PDF

1.25 MB / 47 Pages
0 likes
share this pdf Share
DMCA / report this pdf Report
Kartik Mass Katha Book - कार्तिक मास व्रत कथा

Kartik Mass Katha Book – कार्तिक मास व्रत कथा

कार्तिक मास साल 2023 में 29 अक्टूबर 2023 से शुरू होकर 27 नंवबर तक चलेगा। हिन्दू धर्म में कार्तिक मास का बहुत महत्व है और सर्वश्रेष्ठ भी माना गया है। आप इस Kartik Mass Katha Book PDF में कार्तिक मास की पूजा विधि, कथा और इस माह में क्या करना चाहिए ये सब जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और इस कथा की Book को PDF प्रारूप में डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए लिंक का उपयोग कर सकते हैं।

कार्तिक मास को स्नान के विए बहुत विशेष माना गया है। इस माह में किसी भी पवित्र नदी में स्नान करना बहुत फलदायी होता है। इस मास में श्री विष्णु जी के साथ तुलसी की भी पूजा अर्चना की जाती है। इस मास में स्नान, दान, दीप करने से कष्टों से छुटकारा मिलता है. पूरे कार्तिक के महीने में सुबह जल्दी उठकर स्नान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

कार्तिक मास पूजा विधि (Kartik Mass Puja Vidhi in Hindi)

  • कार्तिक मास में रोजाना सुबह उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें।
  • इसके बाद साफ वस्त्र धारण करके एक लोटे में स्वच्छ जल भर लें। इसके बाद तुलसी के पौधे की जड़ में धीरे-धीरे अर्पित करें।
  • इसके साथ ही तुलसी के गमले में स्वास्तिक का चिन्ह बना लें। आप चाहे तो रंगोली भी बना सकते हैं।
  • अब पूजा आरंभ करें। सबसे पहले जल चढ़ाएं। इसके बाद तुलसी के पौधे पर फूल, माला, सिंदूर, अक्षत , चुनरी आदि चढ़ाएं।
  • इसके बाद भोग लगाएं। घी का दीपक और धूप जलाकर इस मंत्र का जाप करें – श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वृन्दावन्यै स्वाहा’अंत में विधिवत आरती कर लें।

Kartik Mass Katha Book (कार्तिक मास व्रत कथा)

किसी गाँव में एक बुढ़िया रहती थी और वह कार्तिक का व्रत रखा करती थी। उसके व्रत खोलने के समय कृष्ण भगवान आते और एक कटोरा खिचड़ी का रखकर चले जाते। बुढ़िया के पड़ोस में एक औरत रहती थी। वह हर रोज यह देखकर ईर्ष्या करती कि इसका कोई नहीं है फिर भी इसे खाने के लिए खिचड़ी मिल ही जाती है। एक दिन कार्तिक महीने का स्नान करने बुढ़िया गंगा गई।  पीछे से कृष्ण भगवान उसका खिचड़ी का कटोरा रख गए। पड़ोसन ने जब खिचड़ी का कटोरा रखा देखा और देखा कि बुढ़िया नही है तब वह कटोरा उठाकर घर के पिछवाड़े फेंक आई।

कार्तिक स्नान के बाद बुढ़िया घर आई तो उसे खिचड़ी का कटोरा नहीं मिला और वह भूखी ही रह गई। बार-बार एक ही बात कहती कि कहां गई मेरी खिचड़ी और कहां गया मेरा खिचड़ी का कटोरा। दूसरी ओर पड़ोसन ने जहाँ खिचड़ी गिराई थी वहाँ एक पौधा उगा जिसमें दो फूल खिले।  एक बार राजा उस ओर से निकला तो उसकी नजर उन दोनो फूलों पर पड़ी और वह उन्हें तोड़कर घर ले आया। घर आने पर उसने वह फूल रानी को दिए जिन्हें सूँघने पर रानी गर्भवती हो गई. कुछ समय बाद रानी ने दो पुत्रों को जन्म दिया। वह दोनो जब बड़े हो गए तब वह किसी से भी बोलते नही थे लेकिन जब वह दोनो शिकार पर जाते तब रास्ते में उन्हें वही बुढ़िया मिलती जो अभी भी यही कहती कि कहाँ गई मेरी खिचड़ी और कहाँ गया मेरा कटोरा। बुढ़िया की बात सुनकर वह दोनो कहते कि हम है तेरी खिचड़ी और हम है तेरा बेला

हर बार जब भी वह शिकार पर जाते तो बुढ़िया यही बात कहती और वह दोनो वही उत्तर देते। एक बार राजा के कानों में यह बात पड़ गई। उसे आश्चर्य हुआ कि दोनो लड़के किसी से नहीं बोलते तब यह बुढ़िया से कैसे बात करते हैं। राजा ने बुढ़िया को राजमहल बुलवाया और कहा कि हम से तो किसी से ये दोनों बोलते नहीं है, तुमसे यह कैसे बोलते है? बुढ़िया ने कहा कि महाराज मुझे नहीं पता कि ये कैसे मुझसे बोल लेते हैं।

मैं तो कार्तिक का व्रत करती थी और कृष्ण भगवान मुझे खिचड़ी का बेला भरकर दे जाते थे। एक दिन मैं स्नान कर के वापिस आई तो मुझे वह खिचड़ी नहीं मिली। जब मैं कहने लगी कि कहां गई मेरी खिचड़ी और कहाँ गया मेरा बेला? तब इन दोनो लड़को ने कहा कि तुम्हारी पड़ोसन ने तुम्हारी खिचड़ी फेंक दी थी तो उसके दो फूल बन गए थे। वह फूल राजा तोड़कर ले गया और रानी ने सूँघा तो हम दो लड़को का जन्म हुआ। हमें भगवान ने ही तुम्हारे लिए भेजा है।

कार्तिक मास में न करें ये काम

  • कार्तिक महीने में देर तक नहीं सोना चाहिए बल्कि ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्‍नान करना चाहिए।
  • कार्तिक मास में लहसुन, प्‍याज, नॉनवेज जैसी तामसिक चीजें नहीं खाना चाहिए. कार्तिक महीने में सात्विक भोजन ही करन चाहिए. वरना माता लक्ष्‍मी नाराज हो सकती हैं।
  • कार्तिक मास में जमीन में सोना चाहिए. इससे भगवान प्रसन्‍न होते हैं।
  • कार्तिक मास में घर में तामसिक चीजें लाना भी वर्जित बताया गया है वरना मां लक्ष्‍मी ऐसे घर से चली जाती हैं और कभी वहां वास नहीं करती हैं. मां लक्ष्‍मी का जाना जीवन में गरीबी का आना है।
  • कार्तिक मास में किसी महिला का अपमान न करें. वैसे कभी भी महिला का अपमान नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से मां लक्ष्‍मी नाराज हो जाती हैं।

कार्तिक मास में पड़ने वाले प्रमुख त्योहार (Kartik Maas 2023 Festivals List)

  1. करवाचौथ
  2. अहोई अष्टमी
  3. रामा एकादशी
  4. धनतेरस
  5. काली चौदस
  6. दिवाली
  7. कार्तिक अमावस्या
  8. गोवर्धन पूजा
  9. भाई दूज
  10. छठ पूजा
  11. गोपा अष्टमी
  12. देवउठनी एकादशी
  13. तुलसी विवाह
  14. देव दिवाली
  15. कार्तिक पूर्णिमा

कार्तिक माह में दान  (Kartik Maas Donation)

  • कार्तिक माह में दान का भी विशेष महत्व होता हैं।
  • इस पुरे माह में गरीबो एवम ब्रह्मणों को दान दिया जाता हैं।
  • इन दिनों में तुलसी दान, अन्न दान, गाय दान एवम आँवले के पौधे के दान का महत्व सर्वाधिक बताया जाता हैं।
  • कार्तिक में पशुओं को भी हरा चारा खिलाने का महत्व होता हैं।

आप नीचे दिए गए लिंक का उपयोग करके Kartik Mass Katha Book PDF में प्राप्त कर सकते हैं। 

Download Kartik Mass Katha Book – कार्तिक मास व्रत कथा PDF

Free Download
Welcome to 1PDF!