Vishnu Purana (विष्णु पुराण) PDF

39.7 MB / 535 Pages
0 likes
share this pdf Share
DMCA / report this pdf Report
Vishnu Purana (विष्णु पुराण)

Vishnu Purana (विष्णु पुराण)

The Vishnu Purana is one of the eighteen Mahapuranas, a remarkable collection of ancient and medieval texts in Hinduism. It is an essential Pancharatra text that contributes significantly to the Vaishnavism literature. The manuscripts of Vishnu Purana continue to exist in various versions today. You can easily download the Vishnu Purana Hindi Translation in PDF format or read it online for free using the link provided below.

Content of Vishnu Purana

विष्णुपुराण में स्त्री, साधु व शूद्रों के कर्मों आदि का वर्णन किया गया है। इस पुराण में विभिन्न धर्मों, वर्गों, वर्णों आदि के कार्य का वर्णन है और बताया गया है कि कार्य ही सबसे प्रधान होता है। कर्म की प्रधानता जाति या वर्ण से निर्धारित नहीं होती। इस पुराण में कई प्रसंगों और कहानियों के माध्यम बड़े स्तर पर यही संदेश देने का प्रयास किया गया है।

विष्णु पुराण (Vishnu Puran)

श्रीसूतजी बोले—मैत्रेयजीने नित्यकर्मोंसे निवृत्त हुए मुनिवर पराशरजीको प्रणाम कर एवं उनके चरण छूकर पूछा –॥१॥ “हे गुरुदेव! मैंने आपहीसे सम्पूर्ण वेद, वेदांग और सकल धर्मशास्त्रोंका क्रमश: अध्ययन किया है॥२॥

हे मुनिश्रेष्ठ! आपकी कृपासे मेरे विपक्षी भी मेरे लिये यह नहीं कह सकेंगे कि ‘मैंने सम्पूर्ण शास्त्रोंके अभ्यासमें परिश्रम नहीं किया’ ॥ ३ ॥ हे धर्मज्ञ! हे महाभाग ! अब मैं आपके मुखारविन्दसे यह सुनना चाहता हूँ कि यह जगत् किस प्रकार उत्पन्न हुआ और आगे भी (दूसरे कल्पके आरम्भमें) कैसे होगा ? ॥४॥

तथा हे ब्रह्मन्! इस संसारका उपादान-कारण क्या है? यह सम्पूर्ण चराचर किससे उत्पन्न हुआ है? यह पहले किसमें लीन था और आगे किसमें लीन हो जायगा? ॥५॥

इसके अतिरिक्त [आकाश आदि] भूतोंका परिमाण, समुद्र, पर्वत तथा देवता आदिकी उत्पत्ति, पृथिवीका अधिष्ठान और सूर्य आदिका परिमाण तथा उनका आधार, देवता आदिके वंश, मनु, मन्वन्तर,[बार-बार आनेवाले] चारों युगोंमें विभक्त कल्प और कल्पोंके विभाग, प्रलयका स्वरूप, युगोंके पृथक्-पृथक् सम्पूर्ण धर्म, देवर्षि और राजर्षियोंके चरित्र, श्रीव्यासजीकृत वैदिक शाखाओंकी यथावत् रचना तथा ब्राह्मणादि वर्ण और ब्रह्मचर्यादि आश्रमोंके धर्म – ये सब, हे महामुनि शक्तिनन्दन! मैं आपसे सुनना चाहता हूँ ॥ ६-१० ॥

हे ब्रह्मन्! आप मेरे प्रति अपना चित्त प्रसादोन्मुख कीजिये जिससे हे महामुने! मैं आपकी कृपासे यह सब जान सकूँ” ॥ ११ ॥

Download Vishnu Purana (विष्णु पुराण) PDF

Free Download
Welcome to 1PDF!