सरस्वती वंदना – Saraswati Vandana PDF

0.35 MB / 1 Pages
0 likes
share this pdf Share
DMCA / report this pdf Report
सरस्वती वंदना - Saraswati Vandana

सरस्वती वंदना – Saraswati Vandana

सरस्वती वंदना बहुत ही मधुर है तथा इसके गायन से देवी सरस्वती बहुत शीघ्र प्रसन्न होती हैं तथा आप पर कृपा करती हैं। यदि आप पर सरस्वती माता की कृपा होती जाती है, तो माता जी आपकी सभी अज्ञानता का नाश कर देती हैं तथा आपको ज्ञान अर्जित करने में कोई समस्या नहीं आती। अतः देवी सरस्वती की कृपा प्राप्त करने के लिए इस सुन्दर सरस्वती वंदना का गायन अवश्य करें।

माता सरस्वती विद्या व ज्ञान की देवी हैं। हिन्दू धर्म में माता सरस्वती का बहुत ही विशेष स्थान है। किसी भी प्रकार के पूजन में गणेश जी व सरस्वती माँ पूजन अवश्य किया जाता है। माता सरस्वती की कृपा से व्यक्ति विद्द्वान होता है।

सरस्वती वंदना – Saraswati Vandhana in Hindi

सरस्वती वन्दना – “मुझको नवल उत्थान दो “

मुझको नवल उत्थान दो

माँ सरस्वती वरदान दो.

तेरी करूं माँ प्रार्थना .

पूरी करो माँ साधना

नव गति नवल लय ताल दो

माँ सरस्वती वरदान दो…

मुझको नवल उत्थान दो

माँ सरस्वती वरदान दो

माया मुझे नहीं छल सके…

विद्या विनय का ज्ञान दो

माँ सरस्वती वरदान दो .

मुझको नवल उत्थान दो

माँ सरस्वती वरदान दो .

सरस्वती वन्दना -” या कुन्देन्दु तुषारहारधवला “

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला
या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा
या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥

सरस्वती वंदना गीत-

वर दे, वीणावादिनि वर दे !
प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव
भारत में भर दे !
काट अंध-उर के बंधन-स्तर
बहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर;
कलुष-भेद-तम हर प्रकाश भर
जगमग जग कर दे !
नव गति, नव लय, ताल-छंद नव
नवल कंठ, नव जलद-मन्द्ररव;
नव नभ के नव विहग-वृंद को
नव पर, नव स्वर दे !
वर दे, वीणावादिनि वर दे।

 – सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला” मां सरस्वती की आरती

ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।
सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ ॐ जय..
चंद्रवदनि पद्मासिनी, ध्रुति मंगलकारी।
सोहें शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥ ॐ जय..
बाएं कर में वीणा, दाएं कर में माला।
शीश मुकुट मणी सोहें, गल मोतियन माला ॥ ॐ जय..
देवी शरण जो आएं, उनका उद्धार किया।
पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया ॥ ॐ जय..
विद्या ज्ञान प्रदायिनी, ज्ञान प्रकाश भरो।
मोह, अज्ञान, तिमिर का जग से नाश करो ॥ ॐ जय..
धूप, दीप, फल, मेवा मां स्वीकार करो।
ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो ॥ ॐ जय..
मां सरस्वती की आरती जो कोई जन गावें।
हितकारी, सुखकारी, ज्ञान भक्ती पावें ॥ ॐ जय..
जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।
सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ ॐ जय..
ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ।
सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ ॐ जय..

Download the Saraswati Vandana in PDF format using the link given below.

Download सरस्वती वंदना – Saraswati Vandana PDF

Free Download
Welcome to 1PDF!