सामुद्रिक शास्त्र
सामुद्रिक शास्त्र एक एक प्राचीन विज्ञान है जो कई संस्कृतियों में महत्वपूर्ण रहा है, जैसे कि हिंदू, चीनी, बाबिलोनी, यूनानी, और रोमन संस्कृतियों में। आजकल भी कुछ लोग इसे महत्वपूर्ण मानते हैं और अपने जीवन के निर्णय लेने के लिए इसका सहारा लेते हैं। हालांकि, इसे सामान्यत: वैज्ञानिक समृद्धि के संदर्भ में नहीं माना जाता है।
सामुद्रिक शास्त्र, जिसे ज्योतिष और ज्योतिष शास्त्र का एक हिस्सा माना जाता है, वास्तव में समुद्रों और जलवायु के परिणामों पर आधारित होता है। इसमें समुद्र, ताराओं, तथा प्राकृतिक घटनाओं के गतिविधियों का अध्ययन किया जाता है और उनका मानव जीवन पर प्रभाव कैसे पड़ता है, यह जांचा जाता है। इसमें तारामंडल की गतिविधियों, जल और वायु में उत्थित प्रकृतिक प्रक्रियाओं का अध्ययन, तथा उनके व्यक्तिगत और सामाजिक परिणामों का विश्लेषण होता है।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, समुद्र और जलवायु के परिणामों को अच्छे या बुरे दोषों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है और इसके आधार पर लोगों की कुंडली या जन्मपत्रिका में उनकी भविष्यवाणी की जाती है। यह ज्योतिषीय विज्ञान उन्हें उनके जीवन में सफलता के मार्गदर्शन में मदद करता है और उनके विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए उन्हें संबोधित करता है।