Ramcharitmanas Bal Kand
रामचरितमानस, संत तुलसीदास द्वारा रचित एक महाकाव्य है, जिसमें भगवान श्रीराम के जीवन के विभिन्न प्रसंगों का वर्णन है। इसका बाल-कांड भाग भगवान राम के जन्म और उनके बाल्यकाल की घटनाओं को दर्शाता है।
बालकाण्ड वाल्मीकि कृत रामायण और गोस्वामी तुलसीदास कृत श्री राम चरित मानस का एक भाग है। अयोध्या नगरी में दशरथ नाम के राजा हुये जिनकी कौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा नामक पत्नियाँ थीं। संतान प्राप्ति हेतु अयोध्यापति दशरथ ने अपने गुरु श्री वशिष्ठ की आज्ञा से पुत्रकामेष्टि यज्ञ करवाया जिसे कि ऋंगी ऋषि ने सम्पन्न किया।
मुख्य घटनाएँ:
- राम का जन्म:अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के घर भगवान राम का जन्म होता है। यह घटना अयोध्या में खुशी और उत्सव का माहौल बनाती है।
- विवाह की तैयारी: राम का विवाह सीता से करने के लिए राजा जनक द्वारा स्वंवर का आयोजन किया जाता है। राम इस स्वंवर में भाग लेते हैं और सीता को वर के रूप में चुनते हैं।
- भाईयों का प्रेम: राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के बीच का भाईचारा और प्रेम दिखाया गया है। यह न केवल पारिवारिक संबंधों को दर्शाता है, बल्कि भक्ति और समर्पण का भी प्रतीक है।
- मुनियों का आशीर्वाद: बाल-कांड में विभिन्न ऋषियों और मुनियों द्वारा राम को आशीर्वाद देने के प्रसंग भी शामिल हैं, जो राम के भविष्य की महानता को दर्शाते हैं।
संदेश:
बाल-कांड हमें यह सिखाता है कि जीवन में माता-पिता और परिवार का स्थान कितना महत्वपूर्ण होता है। यह भाग भगवान राम की भक्ति, प्रेम और कर्तव्य के प्रति समर्पण का प्रतीक है।
🔆 उपसंहार: रामचरितमानस का बाल-कांड न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमें जीवन के मूल्यों और नैतिकता की शिक्षा भी देता है।