Ramayan Manka 108 Lyrics in Hindi
रामायण मनका 108 (Ramayan Manka 108 PDF) में संपूर्ण रामायण समाहित है। इस पाठ की हर एक माला रोजाना करने से मन की सारी मुरादें पूरी हो जाती हैं। आज हम आपको रामायण मनका 108 हिंदी में प्रस्तुत कर रहे हैं, जिससे आप प्रभु श्रीराम के चरित्र का श्रवण कर अपनी सभी मनोकामनाएं पूरी कर सकें। कहते हैं कि राम चरित को शत कोटि श्लोकों में गाया गया है। उसका एक-एक अक्षर बड़े से बड़े पाप का नाश करता है।
Ramayan Manka 108 का महत्व
रामायण मनका 108 का पाठ घर के सभी सदस्यों को नित्यकर्म से निर्वत होकर मंगलवार और शनिवार को या प्रतिदिन सस्वर वाचन [पाठ] करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस प्रकार का नियमित वाचन परिवार में सुख, शांति और आपसी सामंजस्य बनाए रखने में मदद करता है। प्रभु श्रीराम की अपार कृपा बनी रहती है।
रामायण मनका 108 के कुछ श्लोक
रघुपति राघव राजा राम।
पतितपावन सीताराम ॥
जय रघुनन्दन जय घनश्याम।
पतितपावन सीताराम ॥
भीड़ पड़ी जब भक्त पुकारे।
दूर करो प्रभु दुःख हमारे ॥
दशरथ के घर जन्मे राम।
पतितपावन सीताराम ॥१॥
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