Mukhyamantri Bal Ashirwad Yojana
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना में अनाथ बच्चों को आर्थिक और वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना की शुरुआत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा जुलाई 2023 में की गई है। इस योजना को प्रदेश के अनाथ बच्चों के लिए शुरू किया गया है। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के अनाथ बच्चों को राज्य सरकार के तरफ से आर्थिक, शैक्षणिक, चिकित्सा और व्यावसायिक सहयोग प्रदान किया जाएगा। कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए एमपी राज्य सरकार ने इस योजना को शुरू किया है।
Mukhyamantri Bal Ashirwad Yojana – Eligibility Criteria
- ऑफ्टर योजना के संदर्भ में बाल देखरेख संस्था में निर्मुक्ति दिनांक के वर्ष को सम्मिलित करते हुए निरंतर 05 वर्ष तक निवासरत बच्चे।
- अनाथ/ परित्यक्त बालक की स्थिति में बाल देखरेख संस्था में निवास हेतु आवश्यक अवधि सम्बंधी पात्रता में छूट प्राप्त होगी।
- दत्तक ग्रहण / फॉस्टर केयर का लाभ प्राप्त न हो रहा हो, किन्तु बाल देखरेख संस्था में पुनः पुनर्वासित करवाया गया तथा दत्तक ग्रहण/ फॉस्टर केयर में रखने की अवधि की भी गणना पात्रता अवधि में शामिल होगी।
आफ्टर केयर अन्तर्गत पात्रता
- आफ्टर केयर योजना के संदर्भ में बाल देखरेख संस्था में निर्मुक्ति दिनांक के वर्ष को सम्मिलित करते हुए निरंतर 05 वर्ष तक निवासरत बच्चे पात्र होंगे।
- अनाथ, परित्यक्त बालक की स्थिति में बाल देखरेख संस्था में निवास हेतु आवश्यक अवधि सम्बंधी पात्रता में छूट प्राप्त होगी।
- दत्तक ग्रहण, फॉस्टर केयर का लाभ प्राप्त न हो रहा हो, किन्तु बाल देखरेख संस्था में पुनः पुनर्वासित करवाया गया बालक तथा दत्तक ग्रहण, फॉस्टर केयर में रखने की अवधि की भी गणना, पात्रता अवधि में शामिल होगी ।
- आफ्टर केयर अन्तर्गत आर्थिक सहायता, इंटर्नशिप, व्यवसायिक प्रशिक्षण, शिक्षा हेतु निर्धारित समयावधि अथवा 24 वर्ष की आयु जो भी पहले हो, तक दी जायेगी।
आफ्टर केयर अन्तर्गत आर्थिक सहायता एवं निःशुल्क शिक्षा सहायता
- इंटर्नशिप – उद्योग विभाग द्वारा जिला बाल संरक्षण अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग से प्राप्त सूची में उल्लेखित केयर लीवर्स की योग्यता के अनुसार औद्योगिक संस्थान/ प्रतिष्ठान/ प्रतिष्ठित संस्थाओं की पहचान कर इंटर्नशिप देकर उसी संस्था में यथासंभव रोजगार उपलब्ध करवाया जायेगा।
- इंटर्नशिप अवधि के दौरान 5,000 रूपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जाएगी जो इंटर्नशिप की अवधि समाप्ति तक या एक वर्ष, जो भी कम हो तक देय होगी, किन्तु किसी भी दशा में 01 वर्ष से अधिक की अवधि के लिए नहीं होगी।
- व्यावसायिक प्रशिक्षण – पोलीटेकनिक डिप्लोमा, आईटीआई, पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों, नर्सिंग, होटल मैनेजमेंट, टूरिज्म, प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री कौशल विकास आदि के तहत् दी जाने वाली शासकीय संस्थाओं में व्यावसायिक प्रशिक्षण, संबंधित विभाग के द्वारा से निःशुल्क प्रदाय किये जायेंगे।
- व्यावसायिक प्रशिक्षण अवधि के दौरान 5,000 रूपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जाएगी जो व्यावसायिक प्रशिक्षण की अवधि समाप्ति तक या दो वर्ष, जो भी कम हो तक देय होगी, किन्तु किसी भी दशा में 02 वर्ष से अधिक की अवधि के लिए नहीं होगी।
- तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा एवं आयुष शिक्षा एवं विधि शिक्षा सहायता –
NEET, JEE या CLAT में प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर किसी शासकीय/अशासकीय संस्थाओं में प्रवेश करने वाले केयर लीवर्स को अध्ययन अवधि के दौरान 5,000 रूपये से 8,000 रूपये तक आर्थिक सहायता प्रतिमाह दी जायेगी एवं पाठ्यक्रम अवधि तक फीस नियामक आयोग द्वारा निर्धारित फीस राज्य शासन द्वारा वहन की जाएगी। केयर लीवर्स की श्रेणी का निर्धारण एवं प्रत्येक श्रेणी में अध्ययन अवधि के दौरान दी जा रही आर्थिक सहायता का निर्धारण मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय समिति द्वारा किया जायेगा।
आफ्टर केयर अन्तर्गत आवेदन एवं लाभांवित किये जाने प्रक्रिया
- प्रत्येक बाल देखरेख संस्थाओं के अधीक्षक/प्रबंधक द्वारा बाल देख-रेख संस्था में निवासरत 17 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले बच्चों का चिन्हांकन एवं पहचान किये गये बच्चों की व्यक्तिगत देखरेख योजना (Individual Care Plan) तैयार की जायेगी।
- औद्योगिक संस्थाओं में इंटर्नशिप पर जाने वाले, व्यवसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले एवं उच्च शिक्षा में जाने वाले बच्चों की पृथक-पृथक सूची एवं डेटाबेस तैयार किया जायेगा।
- योजना अन्तर्गत गठित समिति के द्वारा प्रकरण परीक्षण उपरान्त स्वीकृत किये जायेंगे। यह स्वीकृति आदेश प्रत्येक हितग्राही प्रति वर्ष जारी किया जायेगा एवं इसके लिये सम्पूर्ण प्रक्रिया समय से पहले ही सम्पादित की जायेगी। पोर्टल से ही स्वीकृति आदेश जारी किये जायेंगे।
Mukhyamantri Bal Ashirwad Yojana Form – Online Procedure
ऑफ्टर केयर अन्तर्गत आवेदन एवं लाभांवित किये जाने की प्रक्रिया –
- प्रत्येक बाल देखरेख संस्थाओं के अधीक्षक / प्रबंधक द्वारा बाल देख-रेख संस्था में निवासरत 17 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले बच्चों का चिन्हांकन एवं पहचान किये गये बच्चों की व्यक्तिगत देखरेख योजना (Individual Care Plan) बनाई जायेगी।
- औद्योगिक संस्थाओं में इंटर्नशिप पर जाने वाले, व्यवसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले एवं उच्च शिक्षा में जाने वाले बच्चों की पृथक-पृथक सूची एवं डाटा बेस तैयार किया जायेगा।
- योजना अन्तर्गत गठित समिति के द्वारा प्रकरण परीक्षण उपरान्त स्वीकृत किये जायेगे। यह स्वीकृति आदेश प्रत्येक हितग्राही प्रति वर्ष जारी किया जाऐगा एवं इसके लिये सम्पूर्ण प्रकिया समय से पहले ही सम्पादित की जायेगी। पोर्टल से ही स्वीकृति आदेश जारी किये जायेगे।
स्पॉन्सरशिप अंतर्गत लाभान्वित करने की प्रक्रिया –
- जिला कार्यक्रम अधिकारी /जिला बाल संरक्षण अधिकारी (महिला एवं बाल विकास विभाग) का यह दायित्व होगा कि वह ऐसे परिवारों की पहचान करे, जिन्हें इस योजना का लाभ दिया जा सकता है तथा उनसे संपर्क कर आवेदन भरवाएं। समस्त लाभ पोर्टल के माध्यम से दिए जाएंगे।
- जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा योजना के पोर्टल में दर्ज बच्चे की गृह अध्ययन की रिपोर्ट एवं परिवार की सामाजिक अन्वेषण रिपोर्ट मध्यप्रदेश (स्पॉंसरशिप) दिशा-निर्देश, 2020 में प्रावधानित प्रारूप में तैयार की जायेगी।
- गृह अध्ययन की रिपोर्ट एवं परिवार की सामाजिक अन्वेषण रिपोर्ट तथा अन्य दस्तावेजो की जांच के पश्चात ऐसे बच्चों की सूची तैयार बाल कल्याण समिति को प्रेषित की जायेगी।
- जिला बाल संरक्षण अधिकारी से प्राप्त सूची अनुसार बच्चों की सामाजिक अन्वेषण रिपोर्ट तथा अन्य दस्तावेजों की जांच एवं मूल्यांकन के आधार पर बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय अधिनियम एवं नियम में दी गई प्रक्रिया का पालन करते हुये बच्चों को देखरेख और संरक्षण का जरूरतमंद बालक घोषित करेगी।
- योजना अंतर्गत उन्ही बच्चों को लाभ दिया जायेगा जिन्हें बाल कल्याण समिति द्वारा देखरेख और संरक्षण का जरूरतमंद बालक घोषित किया है। ऐसे चिन्हांकित सभी बच्चों की सूची जिला बाल संरक्षण अधिकारी द्वारा गृह अध्ययन एवं सामाजिक अन्वेषण रिपोर्ट के साथ उपरोक्त समिति के समक्ष अनुशंसा हेतु प्रेषित किये जायेगे।
- स्पॉन्सरशिप योजना अन्तर्गत परिवार/बालक की समृद्धता का परीक्षण एवं योजना अन्तर्गत लाभ की निरन्तरता अथवा समाप्ति का निर्धारण योजना अन्तर्गत गठित समिति के द्वारा किया जायेगा। यह स्वीकृति आदेश प्रत्येक हितग्राही हेतु प्रति वर्ष जारी किया जाऐगा एवं इसके लिये सम्पूर्ण प्रक्रिया समय से पहले ही सम्पादित की जायेगी। पोर्टल से ही स्वीकृति आदेश जारी किये जायेगे।