दिवाली लक्ष्मी पूजा विधि और सामग्री सूची (Diwali Laxmi Puja Vidhi & Samagri List) PDF

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दिवाली लक्ष्मी पूजा विधि और सामग्री सूची (Diwali Laxmi Puja Vidhi & Samagri List)

दिवाली लक्ष्मी पूजा विधि और सामग्री सूची (Diwali Laxmi Puja Vidhi & Samagri List)

दिवाली लक्ष्मी पूजा विधि और सामग्री सूची (Diwali Laxmi Puja Vidhi & Samagri List) का आयोजन कार्तिक मास की अमावस्या के दिन होता है। इस वर्ष, दिवाली 1 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी। इस पावन अवसर पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है, जिससे घर में सुख-शांति, समृद्धि और तरक्की का आगमन होता है। सभी भक्तजन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए विधिपूर्वक पूजा करते हैं।

दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त

साल 2024 में दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 36 मिनट से शाम 6 बजकर 16 मिनट तक है. इस दिन अमावस्या तिथि दोपहर 3 बजकर 52 मिनट पर शुरू होकर अगले दिन यानी 1 नवंबर को शाम 6 बजकर 16 मिनट पर खत्म होगी. इस दिन प्रदोष काल शाम 5 बजकर 36 मिनट से रात 8 बजकर 11 मिनट तक रहेगा

दीपावली पूजन विधि इन हिन्दी

  • सर्वप्रथम पूजा के स्थान को स्वच्छ करें।
  • अब उस स्थान पर आते और हल्दी से चौक पूरें।
  • तत्पश्चात एक लकड़ी की चौकी उस चौक पर रखें।
  • अब माता श्री लक्ष्मी, सरस्वती जी तथा गणेश जी की मिट्टी की प्रतिमाएं अथवा चित्र विराजमान करें।
  • तदोपरांत पूजन के जलपात्र से जल लेकर निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुए सभी प्रतिमाओं पर छिड़कें।
  • साथ ही अपने पूजा के आसन को भी इसी मन्त्र का उच्चारण करते हुए जल छिड़ककर स्वच्छ करें।

ॐ अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोपि वा।

य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स: बाह्याभंतर: शुचि:।।

  • अब पृथ्वी माता को प्रणाम करके निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुए आसन ग्रहण करें।

पृथ्विति मंत्रस्य मेरुपृष्ठः ग ऋषिः सुतलं छन्दः कूर्मोदेवता आसने विनियोगः॥

ॐ पृथ्वी त्वया धृता लोका देवि त्वं विष्णुना धृता। त्वं च धारय मां देवि पवित्रं कुरु चासनम्॥

पृथिव्यै नमः आधारशक्तये नमः

  • तत्पश्चात ॐ केशवाय नमः, ॐ नारायणाय नमः, ॐ माधवाय नमः का उच्चारण करते हुए गंगाजल का आचमन करें।
  • इस पूरी प्रक्रिया के बाद मन को शांत कर आंखें बंद करें तथा मां को मन ही मन प्रणाम करें।
  • इसके बाद हाथ में जल लेकर पूजा का संकल्प करें। संकल्प के लिए हाथ में अक्षत (चावल), पुष्प और जल ले लीजिए। साथ में एक रूपए (या यथासंभव धन) का सिक्का भी ले लें।
  • इन सब को हाथ में लेकर संकल्प करें कि मैं अमुक व्यक्ति अमुक स्थान व समय पर मां लक्ष्मी, सरस्वती तथा गणेशजी की पूजा करने जा रहा हूं, जिससे मुझे शास्त्रोक्त फल प्राप्त हों।
  • इसके बाद सबसे पहले भगवान गणेशजी व गौरी का पूजन कीजिए।
  • तत्पश्चात कलश पूजन करें फिर नवग्रहों का पूजन कीजिए।

लक्ष्मी पूजन मंत्र सहित (Lakshmi Poojan Mantra)

मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान इस मंत्र के द्वारा उन्हें रक्तचन्दन समर्पण करना चाहिए-

रक्तचन्दनसम्मिश्रं पारिजातसमुद्भवम् |
मया दत्तं महालक्ष्मि चन्दनं प्रतिगृह्यताम् ||
ॐ महालक्ष्मीײַ नमः रक्तचन्दनं समर्पयामि |

मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान इस मंत्र के द्वारा उन्हें दुर्वा समर्पण करना चाहिए-

क्षीरसागरसम्भते दूर्वां स्वीकुरू सर्वदा ||
ॐ महालक्ष्मी

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