कानूनी धारा लिस्ट 2024
1 जुलाई से नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। पिछले साल संसद द्वारा पारित होने के बाद आज से ये सभी प्रभावी हो जाएंगे। बदलाव के बाद आईपीसी (IPC) की जगह भारतीय न्याय संहिता (BNS), सीआरपीसी (CRPC) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSS) को लागू कर दिया गया है।
नए प्रावधानों में वैसे तो छोटे-बड़े बदलाव हुए हैं लेकिन एक अहम मुद्दा आतंकवाद का भी है। इसकी वजह यह है कि आईपीसी में आतंकवाद को लेकर कोई भी स्पष्ट परिभाषा थी ही नहीं, जबकि नए कानून के तहत आतंकवाद को विस्तार से परिभाषित किया गया है। इस परिभाषा के तहत जो भी भारत की एकता, अखंडता, संप्रभुता, सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते है तो उसे आतंकवाद की कैटेगरी में रखा जाएगा।
IPC Dhara List in Hindi (भारतीय दंड संहिता कानूनी धारा)
भारतीय न्याय संहिता (BNS 2023) के तहत बदलाव
नए कानून संहिता के तहत धाराओं की संख्या 511 से घटाकर 358 की गई है, और इसके तहत 20 नए अपराध जोड़े गए हैं। कई अपराधों में न्यूनतम सजा का प्रावधान है। साथ ही छोटे-छोटे अपराधों के लिए सामुदायिक सेवा का प्रावधान किया गया है। वहीं कई अपराधों के लिए जुर्माना बढ़ाया गया है और सजा की अवधि में भी इजाफा किया गया है।
क्राइम | पहले IPC | अब BNS |
हत्या | धारा 302 | धारा 103 |
हत्या का प्रयास | धारा 307 | धारा 109 |
गैर इरादतन हत्या | धारा 304 | धारा 105 |
दहेज हत्या | धारा 304बी | धारा 80 |
चोरी | धारा 379 | धारा 303 |
दुष्कर्म | धारा 376 | धारा 64 |
छेड़छाड़ | धारा 354 | धारा 74 |
धोखाधड़ी | धारा 420 | धारा 318 |
लापरवाही से मौत | धारा 304ए | धारा 106 |
आपराधिक षडयंत्र के लिए सजा | धारा 120बी | धारा 61 |
देश के खिलाफ युद्ध | धारा 121, 121ए | धारा 147, 148 |
मानहानि | धारा 499, 500 | धारा 356 |
लूट | धारा 392 | धारा 309 |
डकैती | धारा 395 | धारा 310 |
पति द्वारा क्रूरता का शिकार महिलाएं | धारा 498ए | धारा 85 |
विदेशों में हमला भी माना जाएगा आतंकवाद
आतंकवाद को लेकर बीएनएस की धारा-113 में सारी जानकारी दी गई है। देश के बाहर भारत की किसी भी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना भी अब आतंकवादी कृत्य माना जाएगा। पिछले साल अमेरिका, कनाडा, और ब्रिटेन में भारतीय दूतावास पर हुए हमले के बाद विदेश में हुए हमले को भी आतंकवाद की श्रेणी में रखा जाएगा। इसके अलावा आतंकवाद की परिभाषा को संप्रभुता, अखंडता और सामाजिक व्यवस्था और आर्थिक सुरक्षा से भी जोड़ा गया है। नकली नोट या सिक्कों का चलाना या उनकी तस्करी को भी आतंकवाद की कैटेगरी में रखा गया है।
ये भी होगा आतंकवाद
नए कानून के तहत बम विस्फोट को तो आतंकवाद माना ही गया है, लेकिन बायोलॉजिकल, रेडियो एक्टिव, न्यूक्लिय या किसी भी खतरनाक तरीके से हमला पहुंचाने की घटना को भी आतंकवाद माना गया है। इसके अलावा किसी को चोट देने या जान लेने की घटना हुई हो तो, उसे भी आतंकी घटना के तौर पर ही देखा जाएगा।
नए कानून के तहत यदि किसी को यह पता हो कि कोई संपत्ति को आतंकी गतिविधियों के जरिए हासिल किया गया है, और वह इसके बावजूद वह उस पर अपना कब्जा रखता है तो वह भी आतंकी घटना होगी। इसके अलावा भारत सरकार, राज्य सरकार या किसी विदेशी सरकार को प्रभावित करने के लिए किसी व्यक्ति का अपहरण करना या उसे हिरासत में रखना आतंकवाद ही माना जाएगा।
कितनी सजा का प्रावधान?
- आतंकी घटना में लोगों के मौत होने पर, फांसी या उम्रकैद और जुर्माना
- आतंकी साजिश रचने से लेकर आतंकवादियों की मदद करने पर पांच साल से लेकर उम्रकैद तक
- आतंकी संगठनों से जुड़ने की पर उम्रकैद तक की कड़ी सजा और जुर्माना
- आतंकी को छिपाने और पाए जाने पर न्यूनतम तीन साल और अधिकतम उम्रकैद से लेकर जुर्माने तक की सजा
इन अपराधों को किया गया फिर से परिभाषित
छीनाझपटी- गैरजमानती और गैर समनीय अपराध BNS-304
आतंकवाद – नई परिभाषा के आधार पर धारा BNS-113
राजद्रोह – राजद्रोह को समाप्त किया गया है लेकिन भारत की एकता अखंडता को खतरे में डालने पर देशद्रोह शब्द जोड़ा गया है, जिसकी धारा (BNS-152)
मॉब लिंचिंग: BNS की धारा 103 (2) के तहत अधिकतम मौत की सजा का प्रावधान
संगठित अपराध: BNS-111 के तहत परिभाषित और सजा के प्रावधान