हिन्दी भाषा की उत्पत्ति और विकास PDF

0.48 MB / 15 Pages
0 likes
share this pdf Share
DMCA / report this pdf Report
हिन्दी भाषा की उत्पत्ति और विकास

हिन्दी भाषा की उत्पत्ति और विकास

हिन्दी भाषा की उत्पत्ति और विकास

हिंदी भाषा की उत्पत्ति और विकास का अर्थ है उस समय से जब इंसान ने बोलना शुरू किया और भाषा सीखना आरंभ किया। इस विषय में कई विचार हैं, जो अधिकतर अनुमान पर आधारित हैं। मानव के इतिहास में यह काल बहुत पुराना है, इसलिए इसके विकास से जुड़ी कोई भी जानकारी मिलना मुश्किल है।

हिंदी वास्तव में फारसी शब्द है, जिसका मतलब है – हिंदी या हिन्द से संबंधित। (शब्द “हिंदी” नहीं, बल्कि “हिन्द” फारसी का है)। “हिंदी” शब्द की उत्पत्ति “सिंधु” से हुई है। ईरानी भाषा में ‘स’ को ‘ह’ कहा जाता है। इसलिए “हिंदी” शब्द वास्तव में “सिंधु” शब्द का प्रतिरूप है। समय के साथ “हिन्द” शब्द पूरे भारत का पर्याय बन गया।

हिन्दी भाषा की उत्पत्ति और विकास पीडीएफ़

संस्कृत भारत की सबसे प्राचीन भाषा है, जिसे आर्य भाषा या देवभाषा भी कहा जाता है। हिंदी को संस्कृत की उत्तराधिकारी माना जाता है, और यह कहा जाता है कि हिंदी का जन्म संस्कृत की कोख से हुआ है।

भारत में संस्कृत 1500 ई. पू. से 1000 ई. पूर्व तक उपयोग में रही। यह भाषा दो भागों में बंटी हुई थी – वैदिक और लौकिक। वैदिक संस्कृत में वेदों की रचना हुई, जिसमें वेद और उपनिषद का जिक्र आता है। वहीं लौकिक संस्कृत में दर्शन ग्रंथों की रचना हुई। इसी में रामायण, महाभारत, नाटक और व्याकरण जैसे ग्रंथ लिखे गए थे। संस्कृत के बाद पालि भाषा आई। पालि भाषा 500 ई. पू. से पहली शताब्दी तक रही और इसके भीतर बौद्ध ग्रंथों की रचना हुई।

बौद्ध ग्रंथों में बोलचाल की भाषा का शिष्ट और मानक रूप पाया जाता है। इसके बाद प्राकृत भाषा का उद्भव हुआ, जो पहली ईस्वी से लेकर 500 ई. तक अस्तित्व में रही। इस भाषा में जैन साहित्य बहुत मात्रा में लिखा गया।

पहली ईस्वी तक आते-आते यह बोलचाल की भाषा के रूप में परिवर्तित हो गई और इसे प्राकृत कहा गया। उस समय जो आम बोलचाल की भाषा थी, जिसे सब आसानी से समझते थे, वह प्राकृत भाषा कहलाई।

उस दौर में क्षेत्रीय बोलियों की संख्या बहुत अधिक थी, जिनमें शौरसेनी, पैशाची, ब्राचड़, मराठी, मागधी और अर्धमागधी शामिल थीं। प्राकृत का अंतिम चरण अपभ्रंश की ओर बढ़ा। इसे 500 ई. से 1000 ई. तक माना जाता है। अपभ्रंश के सरल और देशी शब्दों को “अवहट्ट” कहा गया। इसी अवहट्ट से हिंदी का उद्भव हुआ।

कहा जाता है कि हिंदी ने अपभ्रंश से विकास किया है, और इस भाषा से कई आधुनिक भारतीय भाषाएं और उपभाषाएं बनीं, जिसमें शौरसेनी (पश्चिमी हिंदी, राजस्थानी और गुजराती), पैशाची (लंहदा, पंजाबी), ब्राचड़ (सिन्धी), खस (पहाड़ी), महाराष्ट्र्री (मराठी), मागधी (बिहारी, बांग्ला, उड़िया और असमिया), और अर्ध मागधी (पूर्वी हिंदी) शामिल हैं।

यह ध्यान देने योग्य है कि हिंदी के कई विद्वानन अपभ्रंश को हिंदी का विकास का आधार मानते हैं, जबकि कुछ का मानना है कि इसका उद्भव अवहट्ट से हुआ।

अवहट्ट नाम का उल्लेख मैथिल महान कवि कोकिल विद्यापति की “कीर्तिलता” में मिलता है। पूरे देश के भक्त कवियों ने अपनी वाणी को जन-जन तक पहुंचाने के लिए हिंदी का सहारा लिया। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में हिंदी और हिंदी पत्रकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका रही। महात्मा गांधी और अन्य राष्ट्रीय नेताओं ने हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्वीकारा। भारत के स्वतंत्र होने के बाद, 14 सितंबर 1949 को हिंदी को भारत की राजभाषा घोषित किया गया। यह हिंदी के विकास का सफर है।

अगर हम हिंदी भाषा के विकास पर और ध्यान दें, तो यह भारतीय गणराज्य की राजकीय और मध्य भारतीय-आर्य भाषा है। 2001 की जनगणना के अनुसार, लगभग 25.79 करोड़ भारतीय हिंदी को अपनी मातृभाषा के रूप में उपयोग करते हैं, जबकि लगभग 42.20 करोड़ लोग इसकी 50 से अधिक बोलियों में से एक का उपयोग करते हैं। 1998 के पूर्व, मातृभाषियों की संख्या के आधार पर दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में हिंदी तीसरे स्थान पर थी।

हिंदी विश्व की लगभग 3,000 भाषाओं में से एक है। यह आज की तारीख में दुनिया की सबसे बड़ी आबादी द्वारा बोली और समझी जाने वाली भाषा है। भाषाई सर्वेक्षणों के अनुसार, दुनिया की 18 प्रतिशत आबादी हिंदी को समझती है, जबकि चीनी भाषा मंदारिन को 15.27 और अंग्रेजी को 13.85 प्रतिशत लोग समझते हैं।

हिंदी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि यह भाषा की जननी, साहित्य की गरिमा, जन-जन की भाषा और राष्ट्रभाषा भी है। इस संदर्भ में यह कहना गलत नहीं होगा कि हिंदी भविष्य की भाषा है। ऐतिहासिक रूप से, हम इस भाषा का उपयोग वास्तविक जीवन में करते हैं, लेकिन यह रोजगार और महत्वाकांक्षाओं की भाषा बनने में अभी तक थोड़ी कम प्रभावी रही है।

नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप हिन्दी भाषा की उत्पत्ति और विकास PDF डाउनलोड कर सकते हैं।

Download हिन्दी भाषा की उत्पत्ति और विकास PDF

Free Download
Welcome to 1PDF!