Hast Jyotish
हस्तरेखा ज्ञान सामुद्रिक शास्त्र का एक अंग है जिसमें लोगों की हथेली के ऊपर बनी हुई रेखाओं और बनावटों के आधार पर जातक के भूत – वर्तमान – भविष्य के बारे में पता लगता है। समुद्र शास्त्र की रचना सामुद्र ऋषि ने की थी, इसी कारण इसे सामुद्रिक शास्त्र कहा जाता है। हस्त रेखाएं शुक्लपक्ष और कृष्णपक्ष में बनती-बिगड़ती रहती हैं, लेकिन हाथों की बनावट में बदलाव नहीं आता। बनावट के आधार पर 7 तरह के हाथ होते हैं।
– निम्न श्रेणी का हाथ
– वर्गाकार हाथ
– चमसाकार हाथ
– दार्शनिक हाथ
– कलापूर्ण हाथ
– आदर्श हाथ
– मिश्रित हाथ।
Hast Rekha Jyotish Gyan (Palmistry) Book Contents
- Principles of Hast Jyotish within the vedic tradition
- The historical roots of palmistry in world culture
- Geography of the hand
- The activity of the hand
- Morphological Analysis
- The fingers : Our conscious expression
- Nails : Armor of the nervous system
- The Thumb : Indicator of our individuality
- Hand types : Different paths to personal growth
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