गृहभंग (Gruhabhanga Book)
“गृहभंग” की कहानी एक गरीब और विनाशकारी व्यक्ति के बारे में है, जो अपने दुःखद और असहाय जीवन का सामना कर रहा है। उनकी गाँव में संग्रहालय के निर्माण के लिए सरकार ने उनके घर को तोड़ने का निर्णय किया है। इस कहानी में वह अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ते हैं, लेकिन अंततः उन्हें अपने घर का तोड़ना पड़ता है।
इस कहानी में मुंशी प्रेमचंद ने समाज की सचाई और गरीबी की अवस्था को सार्थकता से प्रस्तुत किया है। वे इस कहानी के माध्यम से आम लोगों की समस्याओं और संघर्षों को प्रकट करते हैं और उनके लिए संवेदनशीलता और सहानुभूति की भावना प्रकट करते हैं