Gayatri Mantra Meaning Hindi
गायत्री मंत्र
ओउम् भूर्भुव: स्व: । तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि । धियो यो न: प्रचोदयात् ॥
गायत्री मंत्र एक प्राचीन भारतीय मंत्र है, जिसे नियमित रूप से जपने से जीवन में अनेक लाभ मिलते हैं। इस मंत्र का प्रभाव इतना गहरा है कि यह आपके जीवन की कई समस्याओं का हल कर सकता है। अगर आप गायत्री मंत्र का जप करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि इसे सही समय पर और सही तरीके से करें।
Gayatri Mantra Meaning Arya Samaj
अर्थ :- हे प्राणों के प्राण, दु:ख विनाशक, सुखस्वरूप परमात्मा। आप सकल जगत उत्पादक, सर्वश्रेष्ठ एवं पाप विनाशक हो। हम आपका ध्यान करते हैं। आप हमारी बुद्धियों को श्रेष्ठ मार्ग पर प्रेरित कीजिये।
Gayatri Mantra with Meaning
भावार्थ :- हे परमात्मा! तूने हमें उत्पन्न किया, पालन कर रहा है तू। तेरा ही महान तेज है छाया हुआ सभी जगह। सृष्टि के कण-कण में तू विद्यमान है। तेरा ही ध्यान हम करते हैं, मांगते तेरी दया। ईश्वर, हमारी बुद्धि को श्रेष्ठ मार्ग पर चलाएं।
गायत्री मंत्र का जाप / उच्चारण
इस वेद मंत्र गायत्री महामंत्र के बारे में सभी वेद, पुराण, और धर्म शास्त्रों में एकमत से कहा गया है कि जो कोई भी नियमित सूर्योदय से 2 घंटे पहले से लेकर सूर्योदय के 2 घंटे बाद तक उगते सूर्य का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जप करता है, उसके जीवन के सारे अभाव दूर हो जाते हैं। मां गायत्री की कृपा से जप करने वाले साधक को 10 वरदान स्वतः ही मिलते हैं। शास्त्रों के अनुसार, गायत्री मंत्र को वेदों का सर्वश्रेष्ठ मंत्र माना गया है। इसके लिए तीन मुख्य समय बताए गए हैं: प्रात:काल, दोपहर, और शाम को।
Gayatri Mantra ke Fayde & Chamatkar
पहला वरदान – हर परेशानी हो जाती है दूर: नियमित गायत्री मंत्र का जप करने वाले साधक की सभी समस्याएं और परेशानियां हमेशा के लिए खत्म हो जाती हैं।
दूसरा वरदान – यदि गायत्री मंत्र का जप करते समय सृष्टिकर्ता का ध्यान करते हैं, तो साधक के जीवन में अंधकार प्रवेश नहीं कर पाता।
तीसरा वरदान – अगर किसी रोग से जल्दी मुक्ति चाहिए, तो किसी भी शुभ मुहूर्त में एक कांसे के पात्र में स्वच्छ जल भरकर उसके सामने बैठकर गायत्री मंत्र का जप करें। इस विधि से गंभीर रोग का नाश होता है।
चौथा वरदान – विद्यार्थी यदि रोजाना इस मंत्र का 108 बार जप करें, तो उन्हें सभी प्रकार की विद्या प्राप्त करने में आसानी होती है।
पांचवां वरदान – व्यापार या नौकरी में अगर हानि हो रही है, तो गायत्री मंत्र का जप करें। इससे शीघ्र लाभ होगा।
छटवां वरदान – शुभ मुहूर्त में दूध, दही, घी और शहद मिलाकर 1000 गायत्री मंत्रों के साथ हवन करने से अनेक प्रकार की बीमारियों का नाश होता है।
सातवां वरदान – शत्रुओं से परेशान हैं? तो मंगलवार या अमावस्या को लाल वस्त्र पहनकर गायत्री मंत्र का जप करें, इससे विजय प्राप्त होती है।
आठवां वरदान – विवाह में देरी हो रही है? सोमवार को पीले वस्त्र धारण कर ‘ह्रीं’ बीज मंत्र का जप करें।
नवां वरदान – गायत्री मंत्र का नियमित जप करने वालों की त्वचा में प्राकृतिक चमक आती है और उन्हें दिव्य ज्ञान की प्राप्ति होती है।
दसवां वरदान – अगर दंपति को संतान सुख नहीं मिल रहा है, तो एक माह तक सूर्योदय से पूर्व गायत्री मंत्र का जप करें। इससे संतान सुख की प्राप्ति होती है।
गायत्री मंत्र का जप करना न केवल आपकी रोजमर्रा की जिंदगी को बेहतर बनाता है बल्कि आपको अनेक भावनात्मक और मानसिक लाभ भी देता है। यदि आप इसे सही तरीके से जपते हैं, तो यह आपके जीवन में चमत्कारिक बदलाव ला सकता है। आप गायत्री मंत्र के बारे में और जानकारी के लिए इसका विशेष PDF download कर सकते हैं।
Source: www.patrika.com