दुर्गा सप्तशती पाठ मराठी
दुर्गा सप्तशती का पाठ एक बहुत महत्वपूर्ण धार्मिक क्रिया है, जिसे नवरात्रों के दिनों में करना चाहिए। दुर्गा सप्तशती का नियमित पाठ करने के लिए सबसे पहले नवार्ण मंत्र, कवच, फिर कीलक और अर्गला स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इसके बाद दुर्गा सप्तशती के पाठ की शुरुआत करनी चाहिए। अगर आप इस तरह का पाठ करेंगे, तो आपकी मनोकामनाएं जल्दी पूरी होंगी। इसके साथ ही मां दुर्गा प्रसन्न होकर अपनी विशेष कृपा आप पर बरसाएंगी।
दुर्गा सप्तशती पाठ शुरू करने के सच्चे तरीके
दुर्गा सप्तशती (Durga Saptashati) पाठ शुरू करने के लिए कुछ खास दिन होते हैं। नवरात्री के पहले दिन दुर्गा सप्तशती पाठ आरंभ करने की सिफारिश की जाती है, जो बहुत ही शुभ माना जाता है। दुर्गा सप्तशती की उत्पत्ति मार्कंडेय पुराण से हुई है, जो भारत के 18 प्रमुख पुराणों में से एक है। इसे 400-600 CE के बीच लिखा गया था और इसे सबसे शक्तिशाली ग्रंथ माना जाता है।
दुर्गा सप्तशती के 13 अध्याय
- पहला अध्याय – मधु कैटभ वध
- दूसरा अध्याय – महिषासुर सेना का वध
- तीसरा अध्याय – महिषासुर का वध
- चौथा अध्याय – इंद्र देवता द्वारा देवी की स्तुति
- पांचवां अध्याय – अंबिका के रूप की प्रशंसा
- छठा अध्याय – धूम्रलोचन वध
- सातवां अध्याय – चंड और मुंड का वध
- आठवां अध्याय – रक्तबीज वध
- नवां अध्याय – निशुम्भ वध
- दसवां अध्याय – शुम्भ वध
- ग्यारहवां अध्याय – देवताओं द्वारा देवी की स्तुति
- बारहवां अध्याय – देवी चरित्रों के पाठ का महामान्य
- तेरहवां अध्याय – सुरथ और वैश्य को देवी का वरदान
दुर्गा सप्तशती (Durga Saptashati Marathi) पाठ करने के लाभ
- नवरात्र में हर दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से मां दुर्गा का आशीर्वाद और कृपा मिलती है।
- यह कई संकटों से निकालने में मदद करती है।
- दुर्गा सप्तशती के अध्यायों के पाठ के अनेक लाभ होते हैं।
- यह भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करने में सहायक होती है, इसलिए पाठ के बाद दान देने की सलाह दी जाती है।
- दान यथाशक्ति और यथासंभव करना चाहिये।
- इस प्रकार करने से हर कठिनाई में देवी का आशीर्वाद, कृपा और समर्थन प्राप्त होता है, ऐसा मानना है।
पाठ के महत्व को समझते हुए, आप इसे PDF में पढ़कर डाउनलोड कर सकते हैं और अपने मनोरंजन के लिए इस ज्ञान को साथ ले जा सकते हैं। PDF डाउनलोड करें और अपने जीवन में दुर्गा सप्तशती के पाठ के लाभ उठाएं। 📖