दुर्गा पूजा विधि मंत्र सहित PDF

14.51 MB / 22 Pages
0 likes
share this pdf Share
DMCA / report this pdf Report
दुर्गा पूजा विधि मंत्र सहित

दुर्गा पूजा विधि मंत्र सहित

दुर्गा पूजा विधि मंत्र सहित एक प्रामाणिक और सरल गाइड है जो आपको इस पावन पर्व को सुंदर तरीके से मनाने में मदद करेगा। दुर्गा पूजा, जिसे नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है, भारत में देवी दुर्गा की शक्ति और भक्ति का उत्सव है। इस पूजा में दुर्गा माता की आराधना विशेष विधि और मंत्रों के साथ की जाती है। नीचे दुर्गा पूजा की पूरी विधि और मंत्रों का वर्णन है, जिसे आप PDF फॉर्मेट में भी डाउनलोड कर सकते हैं।

दुर्गा पूजा विधि के चरण

दुर्गा पूजा में ध्यान, आवाहन, आसन प्रदान करना, और हवन प्रमुख चरण होते हैं। इन सभी चरणों में विशेष मंत्रों का जाप माता की पूजा में समर्पित भाव से किया जाता है।

ध्यान और आवाहन मंत्र

ध्यानम् – सबसे पहले यजमान हाथ में अक्षत और पुष्प लेकर दुर्गा माता का ध्यान करें –

खड्गं चक्रगदेषुचापपरिधाञ्छूलं भुशुण्डीं शिर: शङ्खं सन्दधतीं करैस्त्रिनयनां सर्वाङ्गभूषावृताम् ।

नीलाश्मद्युतिमास्यपाददशकां सेवे महाकालिकां यामस्तौत्स्वपिते हरौ कमलजो हन्तुं मधुं कैटभम् ॥१॥

अक्षस्नक्‌परशुं गदेषुकुलिशं पद्मं धनुष्कुण्डिकां दण्डं शक्तिमसिं च चर्म जलजं घण्टां सुराभाजनम् ।

शूलं पाशसुदर्शने च दधतीं हस्तै: प्रसन्नाननां सेवे सैरिभमदिंनीमिह महालक्ष्मीं सरोजस्थिताम् ॥२॥

घण्टाशूलहलानी शङ्खमुसले चक्रं धनु: सायकं हस्ताब्जैर्दधतीं घनान्तविलसच्छीतांशुतुल्यप्रभाम् ।

गौरीदेहसमुद्भवां त्रिजगतामाधारभूतां महा-पूर्वामत्र सरस्वतीमनुभजे शुम्भादिदैत्यार्दिनीम् ॥३॥

ॐ भूर्भुव: स्व: दुर्गादेव्यै नम: श्री दुर्गां ध्यायामि । अक्षत-पुष्प दुर्गाजी को अर्पित करें ।

आवाहनम् – अब पुष्प लेकर दुर्गा माता का आवाहन करें और चढ़ावे –

ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम् । चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह ॥

आगच्छ वरदे देवि दैत्यदर्पनिषूदिनि । पूजां गृहाण सुमुखि नमस्ते शङ्करप्रिये ॥

ॐ भूर्भुव: स्व: दुर्गादेव्यै नम: आवाहनं समर्पयामि । आवाहनार्थे पुष्पाणि समर्पयामि ।

दुर्गा पूजा मंत्र सहित विधि पीडीऍफ़ डाउनलोड करें

इस पूजा की पूरी विधि और मंत्र एक व्यवस्थित PDF में उपलब्ध है, जिसे आप आसानी से डाउनलोड कर घर पर पूजा में उपयोग कर सकते हैं। इस PDF में हर मंत्र और पूजा का विवरण है, जिसे पढ़कर आप नवरात्रि और दुर्गा पूजा विधि को सही तरीके से कर पाएंगे।

आसनम् – पुनः अक्षत लेकर माता जी को आसन प्रदान करें –

ॐ तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् । यस्यां हिरण्यं विन्देयं गामश्वं पुरुषानहम् ॥

अनेकरत्नसंयुक्तं नानामणिगणान्वितम् । कार्तस्वरमयं दिव्यमासनं प्रतिगृह्यताम् ॥

ॐ भूर्भुव: स्व: दुर्गादेव्यै नम: आसनं. समर्पयामि । आसनार्थे अक्षतान् समर्पयामि ।

हवन का महत्व और विधि

सर्वप्रथम हवन सामग्री, जैसे जंवा, तिल आदि को इकट्ठा करें और शांकल्य बनाएं। यजमान हवन पात्र को सामने रखें, उसमें बीज “रं” अंकित करें, फिर आग जलाकर अग्निदेव की स्थापना करें। सभी आवश्यक मंत्रों का उच्चारण करते हुए माता की प्रसन्नता के लिए हवन संपन्न करें।

यदि आपके पास समय कम हो, तो आप श्रीदुर्गा मानस पूजा, देवी चतुःषष्ट्युपचारपूजा स्तोत्र अथवा परा मानसिका पूजा के मंत्रों का जप करके भी दुर्गा पूजा विधि (Durga pujan vidhi) का पालन कर सकते हैं।

तत्पश्चात नवरात्रि व्रत कथा, नवदुर्गा स्तोत्र-कवच, दुर्गा सप्तशती और बीजात्मक सप्तशती का पाठ अवश्य करें।

आप इस विशेष दुर्गा पूजा विधि की पूरी जानकारी PDF डाउनलोड करके घर पर आसानी से पूजा कर सकते हैं।🙏

Download दुर्गा पूजा विधि मंत्र सहित PDF

Free Download
Welcome to 1PDF!