Durga Kavach Sanskrit Lyrics (दुर्गा कवच संस्कृत)
Durga Kavach Sanskrit PDF: इस पाठ को करने से माँ दुर्गा आपके सारे दुख हर लेती हैं। माँ दुर्गा कवच (Durga Kavach in Hindi) संसार के अठारह पुराणों में से सबसे शक्तिशाली पुराण मार्कंडेय पुराण का हिस्सा है।
दुर्गा कवच का पाठ नवरात्री में करने पर दुर्गा माँ की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस पुस्तक में वर्णनित किया गया है कि तेरह में से किसी भी अध्याय का पाठ शुरू करने से पहले कवच, कीलक और अर्गला स्त्रोत का पाठ करना आवश्यक है।
महान लक्ष्यों के लिए दुर्गा कवच
दुर्गा कवच पाठ करने से केवल आध्यात्मिक क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि दैनिक जीवन में भी कई लाभ मिलते हैं। यह आपके जीवन में सकारात्मकता लाता है और कठिनाइयों का सामना करने के लिए शक्ति देता है।
माँ दुर्गा कवच पाठ संस्कृत में (Durga Kavach Lyrics in Sanskrit)
मार्कण्डेय उवाच:
ॐ यद्गुह्यं परमं लोके सर्वरक्षाकरं नृणाम् ।
यन्न कस्यचिदाख्यातं तन्मे ब्रूहि पितामह॥
ब्रम्हो उवाच:
अस्ति गुह्यतमं विप्र सर्वभूतोपकारकम् ।
देव्यास्तु कवचं पुण्यं तच्छृनुष्व महामुने॥
अथ दुर्गा कवच:
प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी ।
तृतीयंचन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम् ॥
पञ्चमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च ।
सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमम्॥
नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गाः प्रकीर्तिताः।
नामानि ब्रह्मणैव महात्मना ॥
अग्निना दह्यमानस्तु शत्रुमध्ये गतो रणे।
विषमे दुर्गमे चैव भयार्ताः शरणं गताः ॥
न तेषां जायते किंचिदशुभं रणसंकटे।
नापदं तस्य पश्यामि शोकदुःख भयं न हि॥
यैस्तु भक्त्या स्मृता नूनं तेषां वृद्धिः प्रजायते।
येत्वां स्मरन्ति देवेशि रक्षसे तन्न संशयः॥
(अगले श्लोकों को इसी तरह से जारी रखें)
इसलिए, यदि आप दुर्गा कवच का पाठ करते हैं तो इससे केवल आपके आध्यात्मिक जीवन में ही नहीं, बल्कि हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त हो सकती है। इस पवित्र पाठ का अभ्यास यह सुनिश्चित करता है कि आप जीवन में जो भी लक्ष्य निर्धारित करते हैं, उन्हें पूरा कर सकें।
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