Kalki Book
कल्कि अवतार विष्णु के दसवें और अंतिम अवतार हैं, जो कलियुग के अंत में प्रकट होंगे। पौराणिक कथाओं के अनुसार, Kalki एक सफेद घोड़े पर सवार होंगे और उनके हाथ में एक चमकती तलवार होगी। वह अधर्म और अत्याचार को समाप्त करके धर्म की पुनर्स्थापना करेंगे। Kalki का अवतार कलियुग की बुराइयों को नष्ट करने और सत्य, धर्म और न्याय की स्थापना करने के लिए होगा। विभिन्न पुराणों में Kalki के अवतार का विस्तार से वर्णन किया गया है।
श्रीमद्भागवत पुराण में बताया गया है कि कलयुग में भगवान विष्णु काल रूप अर्थात भगवान कल्कि के रूप में अवतरित होंगे। आइए जानते हैं भगवान कल्कि से जुड़ी कथा और उनके अवतरण का समय व उद्देश्य।
कौन होंगे भगवान विष्णु के कल्कि अवतार
दरअसल, कल्कि भगवान विष्णु के आखिरी अवतार माने जाते हैं। इनका जिक्र आपको कल्कि पुराण और अग्नि पुराण में मिलता है। जिसमें लिखा गया है कि भगवान हरि का ‘कल्कि’ अवतार कलियुग के अंत में अवतार लेगा और सभी पापियों का नाश करेगा। अभी भी कलयुग चल रहा है. पुराणों के अनुसार कलयुग 432000 साल का होगा और भगवान कल्कि का जन्म कलयुग की समाप्ति पर होगा। पुराणों में यह भी जिक्र है कि भगवान कल्कि का जन्म सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को संभल नामक स्थान पर विष्णुयशा नाम के एक ब्राह्मण परिवार में होगा।