धन्वंतरि आरती – Dhanvantri Aarti PDF

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धन्वंतरि आरती – Dhanvantri Aarti
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धन्वंतरि आरती – Dhanvantri Aarti

धन्वंतरि आरती PDF में उपलब्ध है, जो भगवान धन्वंतरि जी की आरती और उनके प्रति हमारी भक्ति को बयां करती है। भगवान् धन्वंतरि जी को स्वास्थ्य का देवता माना जाता है, और उनकी आरती करने से आप अपने स्वास्थ्य को मजबूत बनाते हैं। धन्वंतरि जी को प्रसन्न करने के लिए उनका विधि-विधान से पूजन करना चाहिए। धन्वंतरि जी की पूजा-अर्चना करने से विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का नाश होता है।

धन्वंतरि जी की पूजा और महत्व

हिन्दू धर्म के अनुसार, दिवाली त्योहार की शुरुआत में धनतेरस का त्योहार आता है। इस दिन लोग अपने घर के लिए नए बर्तन, चांदी, या सोने के सिक्के खरीदकर लाते हैं। धन्वंतरि जी की पूजा आप प्रतिदिन कर सकते हैं। लेकिन अगर आप प्रतिदिन पूजा करने में असमर्थ हैं, तो कम से कम धनतेरस के दिन भगवान् श्री धन्वंतरि जी का पूजन अवश्य करें। इस पूजा के जरिए आप अपने जीवन में अच्छे स्वास्थ्य को आकर्षित करते हैं और आपका परिवार भी स्वस्थ रहता है।

भगवान धन्वंतरि जी की आरती / Dhanvantari Aarti Lyrics in Hindi

जय धन्वन्तरि देवा,जय धन्वन्तरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ितजन-जन सुख देवा॥
जय धन्वन्तरि देवा…॥

तुम समुद्र से निकले,अमृत कलश लिए।
देवासुर के संकटआकर दूर किए॥
जय धन्वन्तरि देवा…॥

आयुर्वेद बनाया,जग में फैलाया।
सदा स्वस्थ रहने का,साधन बतलाया॥
जय धन्वन्तरि देवा…॥

भुजा चार अति सुन्दर,शंख सुधा धारी।
आयुर्वेद वनस्पति सेशोभा भारी॥
जय धन्वन्तरि देवा…॥

तुम को जो नित ध्यावे,रोग नहीं आवे।
असाध्य रोग भी उसका,निश्चय मिट जावे॥
जय धन्वन्तरि देवा…॥

हाथ जोड़कर प्रभुजी,दास खड़ा तेरा
वैद्य-समाज तुम्हारेचरणों का घेरा॥
जय धन्वन्तरि देवा…॥

धन्वन्तरिजी की आरतीजो कोई नर गावे।
रोग-शोक न आए,सुख-समृद्धि पावे॥
जय धन्वन्तरि देवा…॥

भगवान धन्वंतरि के मंत्र / Bhagwan Dhanvantari Mantra

ॐ श्री धनवंतरै नम:

ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धनवंतराये:,
अमृतकलश हस्ताय सर्वभय विनाशाय सर्वरोगनिवारणाय,
त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप,
श्री धन्वंतरि स्वरूप श्री श्री श्री अष्टचक्र नारायणाय नमः

ॐ शंखं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः,
सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौलिमंभोजनेत्रम,
कालाम्भोदोज्ज्वलांगं कटितटविलसच्चारूपीतांबराढ्यम,
वन्दे धन्वंतरिं तं निखिलगदवनप्रौढदावाग्निलीलम.

धन्वंतरि पूजा मुहूर्त / Dhanvantari Puja Muhurat

पूजन का शुभ समय शाम 5 बजे से 06:30 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा शाम 06:30 मिनट से रात 08:11 मिनट का समय भी पूजा के लिए शुभ है।

आप धन्वंतरि आरती की PDF को डाउनलोड करके अपने श्रद्धा और भक्ति से पढ़ सकते हैं। इस धन्वंतरि आरती PDF को डाउनलोड करने का एक आसान तरीका है, जिससे आप भगवान धन्वंतरि जी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

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