ब्रह्माणी चालीसा (Brahmani Chalisa) PDF

1.24 MB / 2 Pages
0 likes
share this pdf Share
DMCA / report this pdf Report
ब्रह्माणी चालीसा (Brahmani Chalisa)

ब्रह्माणी चालीसा (Brahmani Chalisa)

आप ब्रह्माणी चालीसा (Brahmani Chalisa) PDF डाउनलोड कर सकते हैं, जो देवी ब्रह्मचारिणी की उपासना में मदद करता है। देवी ब्रह्मचारिणी की आराधना से व्यक्ति में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, और संयम की वृद्धि होती है। जीवन के कठिन समय में भी भक्त का मन कर्तव्य पथ से विचलित नहीं होता। देवी अपने साधकों की मलिनता, दुर्गुणों और दोषों को समाप्त करती हैं। देवी की कृपा से सर्वत्र सिद्धि और विजय की प्राप्ति होती है।

श्री ब्रह्माणी चालीसा – Brahmani Chalisa

दोहा
कोटि कोटि नमन मेरे माता पिता को, जिसने दिया शरीर
बलिहारी जाऊँ गुरू देव ने, दिया हरि भजन में सीर ॥

श्री ब्रह्माणी स्तुति
चन्द्र दिपै सूरज दिपै, उड़गण दिपै आकाश ।
इन सब से बढकर दिपै, माताऒ का सुप्रकाश ॥
मेरा अपना कुछ नहीं, जो कुछ है सो तोय ।
तेरा तुझको सौंपते, क्या लगता है मोय ॥
पद्म कमण्डल अक्ष, कर ब्रह्मचारिणी रूप ।
हंस वाहिनी कृपा करे, पडूँ नहीं भव कूप ॥
जय जय श्री ब्रह्माणी, सत्य पुंज आधार ।
चरण कमल धरि ध्यान में, प्रणबहुँ बारम्बार ॥

चौपाई
जय जय जग मात ब्रह्माणी । भक्ति मुक्ति विश्व कल्याणी ॥ १ ॥
वीणा पुस्तक कर में सोहे । शारदा सब जग सोहे ॥ २ ॥
हँस वाहिनी जय जग माता । भक्त जनन की हो सुख दाता ॥ ३ ॥
ब्रह्माणी ब्रह्मा लोक से आई । मात लोक की करो सहाई ॥ ४ ॥
क्षीर सिन्धु में प्रकटी जब ही । देवों ने जय बोली तब ही ॥ ५ ॥
चतुर्दश रतनों में मानी । अद्भुत माया वेद बखानी ॥ ६ ॥
चार वेद षट शास्त्र कि गाथा । शिव ब्रह्मा कोई पार न पाता ॥ ७ ॥
आदि शक्ति अवतार भवानी । भक्त जनों की मां कल्याणी ॥ ८ ॥
जब−जब पाप बढे अति भारे । माता शस्त्र कर में धारे ॥ 9 ॥
पाप विनाशिनी तू जगदम्बा । धर्म हेतु ना करी विलम्बा ॥ १० ॥
नमो नमो ब्रह्मी सुखकारी । ब्रह्मा विष्णु शिव तोहे मानी ॥ ११ ॥
तेरी लीला अजब निराली । सहाय करो माँ पल्लू वाली ॥ १२ ॥
दुःख चिन्ता सब बाधा हरणी । अमंगल में मंगल करणी ॥ १३ ॥
अन्न पूरणा हो अन्न की दाता । सब जग पालन करती माता ॥ १४ ॥
सर्व व्यापिनी असंख्या रूपा । तो कृपा से टरता भव कूपा ॥ १५ ॥
चंद्र बिंब आनन सुखकारी । अक्ष माल युत हंस सवारी ॥ 16 ॥
पवन पुत्र की करी सहाई । लंक जार अनल सित लाई ॥ १७ ॥
कोप किया दश कन्ध पे भारी । कुटम्ब संहारा सेना भारी ॥ १८ ॥
तु ही मात विधी हरि हर देवा । सुर नर मुनी सब करते सेवा ॥ १९ ॥
देव दानव का हुआ सम्वादा । मारे पापी मेटी बाधा ॥ २० ॥
श्री नारायण अंग समाई । मोहनी रूप धरा तू माई ॥ २१ ॥
देव दैत्यों की पंक्ती बनाई । देवों को मां सुधा पिलाई ॥ २२ ॥
चतुराई कर के महा माई । असुरों को तू दिया मिटाई ॥ २३ ॥
नौ खण्ङ मांही नेजा फरके । भागे दुष्ट अधम जन डर के ॥ २४ ॥
तेरह सौ पेंसठ की साला । आस्विन मास पख उजियाला ॥ २५ ॥
रवि सुत बार अष्टमी ज्वाला । हंस आरूढ कर लेकर भाला ॥ २६ ॥
नगर कोट से किया पयाना । पल्लू कोट भया अस्थाना ॥ २७ ॥
चौसठ योगिनी बावन बीरा । संग में ले आई रणधीरा ॥ २८ ॥
बैठ भवन में न्याय चुकाणी । द्वार पाल सादुल अगवाणी ॥ २९ ॥
सांझ सवेरे बजे नगारा । उठता भक्तों का जयकारा ॥ ३० ॥
मढ़ के बीच खड़ी मां ब्रह्माणी । सुन्दर छवि होंठो की लाली ॥ ३१ ॥
पास में बैठी मां वीणा वाली । उतरी मढ़ बैठी महा काली ॥ ३२ ॥
लाल ध्वजा तेरे मंदिर फरके । मन हर्षाता दर्शन करके ॥ ۳۳ ॥
चैत आसोज में भरता मेला । दूर दूर से आते चेला ॥ ३४ ॥
कोई संग में, कोई अकेला । जयकारो का देता हेला ॥ ३५ ॥
कंचन कलश शोभा दे भारी । दिव्य पताका चमके न्यारी ॥ ३६ ॥
सीस झुका जन श्रद्धा देते । आशीष से झोली भर लेते ॥ ३७ ॥
तीन लोकों की करता भरता । नाम लिए सब कारज सरता ॥ ३८ ॥
मुझ बालक पे कृपा की ज्यो । भुल चूक सब माफी दीज्यो ॥ ३९ ॥
मन्द मति यह दास तुम्हारा । दो मां अपनी भक्ती अपारा ॥ ४० ॥
जब लगि जिऊ दया फल पाऊं । तुम्हरो जस मैं सदा ही गाऊं ॥ ४१ ॥

दोहा
राग द्वेष में लिप्त मन, मैं कुटिल बुद्धि अज्ञान ।
भव से पार करो मातेश्वरी, अपना अनुगत जान ॥

ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा विधि

देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा करते समय सबसे पहले हाथों में एक फूल लेकर उनका ध्यान करें और प्रार्थना करते हुए नीचे लिखा मंत्र बोलें।

श्लोक
दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलु| देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा ||

ध्यान मंत्र
वन्दे वांछित लाभायचन्द्रार्धकृतशेखराम्।
जपमालाकमण्डलु धराब्रह्मचारिणी शुभाम्॥
गौरवर्णा स्वाधिष्ठानस्थिता द्वितीय दुर्गा त्रिनेत्राम।
धवल परिधाना ब्रह्मरूपा पुष्पालंकार भूषिताम्॥
परम वंदना पल्लवराधरां कांत कपोला पीन।
पयोधराम् कमनीया लावणयं स्मेरमुखी निम्ननाभि नितम्बनीम्॥

इसके बाद देवी को पंचामृत स्नान कराएं, फिर अलग-अलग तरह के फूल,अक्षत, कुमकुम, सिन्दुर, अर्पित करें। देवी को सफेद और सुगंधित फूल चढ़ाएं। इसके अलावा कमल का फूल भी देवी मां को चढ़ाएं और इन मंत्रों से प्रार्थना करें।

आप नीचे दिए गए लिंक का उपयोग करके (ब्रह्माणी चालीसा) Brahmani Chalisa PDF को डाउनलोड कर सकतें हैं।

Download ब्रह्माणी चालीसा (Brahmani Chalisa) PDF

Free Download
Welcome to 1PDF!