BHIC 114 Book
“BHIC-114: मधयकालीन विश्व का इतिहास” इग्नू (इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय) के बीए इतिहास (ऑनर्स) कार्यक्रम के तहत एक पुस्तक है। यह पुस्तक मधयकालीन विश्व के विभिन्न पहलुओं और घटनाओं को कवर करती है।
BHIC 114 Book – पुस्तक का संक्षिप्त विवरण
1. प्रारंभिक मधयकालीन समाज:
- रोम साम्राज्य का पतन और उसकी पृष्ठभूमि।
- प्रारंभिक मधयकालीन यूरोप की सामाजिक और आर्थिक संरचनाएँ।
- बर्बर राज्यों और प्रारंभिक ईसाई चर्च का उदय।
2. फ्यूडल व्यवस्था:
- फ्यूडल प्रणाली का विकास और उसकी विशेषताएँ।
- कृषि और ग्रामीण जीवन।
- सामंती समाज में किसानों और शासकों की भूमिका।
3. चर्च और राज्य:
- चर्च की शक्ति और उसके राजनीतिक प्रभाव।
- पवित्र रोमन साम्राज्य का गठन।
- धर्मयुद्ध (क्रूसेड) और उनका प्रभाव।
4. व्यापार और नगरों का पुनरुत्थान:
- वाणिज्यिक क्रांति और उसके परिणाम।
- नगरों का उदय और उनके सामाजिक-आर्थिक प्रभाव।
- गिल्ड प्रणाली और शिल्पकारों की स्थिति।
5. सांस्कृतिक और बौद्धिक जीवन:
- विश्वविद्यालयों का विकास और शिक्षा का प्रसार।
- पुनर्जागरण की शुरुआत और उसका प्रभाव।
- साहित्य, कला और विज्ञान में नवाचार।
6. इस्लामी विश्व:
- इस्लाम का उदय और उसके सिद्धांत।
- खलीफा शासन और उनका प्रशासनिक ढाँचा।
- इस्लामी संस्कृति और विज्ञान में योगदान।
7. एशिया और अफ्रीका:
- चीन और जापान का मधयकालीन इतिहास।
- मंगोल साम्राज्य और उसकी विशेषताएँ।
- अफ्रीकी साम्राज्य और उनका सामाजिक-सांस्कृतिक जीवन।
8. प्रारंभिक आधुनिक युग:
- आधुनिक राष्ट्र-राज्यों का उदय।
- वैज्ञानिक क्रांति और उसके प्रभाव।
- महान भू-आविष्कार और उपनिवेशवाद की शुरुआत।
शीर्षक: | BHIC-114 आधुनिक यूरोप का इतिहास-II (स. 1780-1939) |
योगदानकर्ता: | सुन्दरम्, रवि सिमोन, दलीप बनर्जी, अरुण महाजन, सुचेता मेनन, विशा लक्षी श्रीकृष्ण तनेजा, नलिनी बसु, स्वराज |
जारी करने की तिथि: | 2022 |
प्रकाशक: | इंदिरा गांधी मुक्ता विश्वविद्यालय, नई दिल्ली |
यूआरआई: | http://egyankosh.ac.in//handle/123456789/89724 |
आईएसबीएन: | 9789355684110 |