Aarti Dnyanraja – आरती ज्ञानराजा
आरती ज्ञानराजा ‘संत ज्ञानेश्वर की पारंपरिक आरती है। संत ज्ञानेश्वर, जिन्हें ज्ञानदेव या मौली के नाम से भी जाना जाता है, तेरहवीं शताब्दी के हिंदू कवि, दार्शनिक और योगी थे। वे ज्ञानेश्वरी लिखने के लिए प्रसिद्ध हैं, जो भगवद गीता का एक सरल रूप है।
संत ज्ञानेश्वर का जन्म और उनके योगदान
ज्ञानेश्वर का जन्म 1275 में (कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ दिन पर) एक मराठी भाषी देशस्थ ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके जन्मस्थान पैठण, गोदावरी नदी के तट पर स्थित अपेगांव है। इस समय, यादव राजा रामदेवराव के शासनकाल के दौरान महाराष्ट्र में उनका जन्म हुआ। राजा ने साहित्य और कला का समर्थन किया और राज्य ने सापेक्ष शांति और स्थिरता का आनंद लिया।
आरती ज्ञानराजा – Aarti Dnyanraja Lyrics in Marathi
आरती ज्ञानराजा ।
महाकैवल्यतेजा ।
कैवल्यतेजा ।
सेविती साधुसंत ।
मनु वेधला माझा ।
वेधला माझा ।
आरती ज्ञानराजा ।
लोपलें ज्ञान जगीं ।
हित नेणती कोणी ।
नेणती कोणी ।
अवतार पांडुरंग ।
नाम ठेविले ज्ञानी ।
ठेविले ज्ञानी ।
आरती ज्ञानराजा ।
महाकैवल्यतेजा ।
सेविती साधुसंत ।
मनु वेधला माझा ।
वेधला माझा ।
आरती ज्ञानराजा ।
कनकाचे ताट करीं ।
उभ्या गोपिका नारी ।
गोपिका नारी ।
नारद तुंबरही ।
साम गायन करी ।
गायन करी ।
आरती ज्ञानराजा ।
प्रगट (प्रकट) गृह्य बोले ।
विश्व ब्रह्मचि केलें ।
ब्रह्मचि केलें ।
रामाजनार्दनीं ।
चरणीं (पायी) मस्तक ठेविलें ।
आरती ज्ञानराजा ।
आरती ज्ञानराजा ।
महाकैवल्यतेजा ।
सेविती साधुसंत ।
मनु वेधला माझा ।
वेधला माझा ।
आरती ज्ञानराजा ।
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