Dark Horse Book by Nilotpal Mrinal
डार्क हॉर्स (Dark Horse) जो लगभग पूरी तरह से मिथकों और कथाओं से भरी हुई है। यह किताब एक संगठन के उच्च स्तरीय अधिकारियों की एक साजग कहानी है, जो अपने धार्मिक और नैतिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए लड़ रहे हैं। इसमें एक सर्द और अंतर्निहित साजिश है, जो उनकी उपासना को खतरे में डालती है। इस किताब में प्रेम, प्रतिद्वंद्विता, और संघर्ष के विषयों पर भी चर्चा होती है। इसके किरदारों की व्यक्तित्व विकास और उनके बीच के संबंधों का विशेष ध्यान होता है।
“Dark Horse” एक रोमांचक और विचारशील कहानी है जो पाठकों को अपनी अद्वितीय कथा और गहरी संदेहों के साथ लुभाती है। डार्क हॉर्स (Dark Horse) उपन्यास की खास बात यह है कि नीलोत्पल मृणाल (Nilotpal Mrinal) ने अपने किरदारों की बोलने से नहीं रोका हैं, किरदारों ने जब चाहा, जो चाहा बोल दिया, किरदारों ने गाली देनी चाही तो दी। किरदारों के साथ ऐसा इंसाफ कम ही कहानियो मे मिलता हैं । वैसे भी नीलोत्पल खुद भी कहते है कि उन्होंने इस उपन्यास के रूप में कोई साहित्य नहीं रचा है, बल्कि उन्होंने जो देखा है, उसे ही अक्षरों, शब्दों और वाक्यों में पिरोया है।
डार्क हॉर्स’ 21वीं सदी की सर्वाधिक लोकप्रिय हिंदी किताब है। सिविल सर्विसेस परीक्षा की हिंदी माध्यम से तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के जीवन की ऐसी जीवंत झाँकी इससे पहले किसी और किताब में देखने को नहीं मिली। देश की सर्वोच्च सम्मानित परीक्षा की तैयार करने वाला अभ्यर्थी केवल एक पढ़ने वाला जीव नहीं होता बल्कि दैनिक जीवन के क़िस्म-क़िस्म के संघर्षों से भी दो-चार होता है। यह उसी जीवन की कथा-व्यथा है। अपने गाँव-क़स्बों से बाहर निकलकर शहरी जीवन के साथ चालबद्ध होने का जो चित्रण मुखर्जी नगर की पृष्ठभूमि में रची इस कथा में है, वह अपूर्व है। पाठकीय लोकप्रियता के सम्मान के अलावा इस उपन्यास को साल 2015 का साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार भी मिल चुका है। यह इस किताब का संपादित और परिष्कृत संस्करण है।