रिच डैड पुअर डैड
रॉबर्ट टी. कियोसाकी की रिच डैड पुअर डैड शिक्षा, सफलता और समृद्धि की परंपरागत परिभाषाओं से हटकर एक दम नए तरह के विचार बेहद दिलचस्प ढंग से पेश करती है। जो कोई भविष्य में अमीर बनना चाहता है, उसे अपनी शुरुआत ‘रिच डैड, पुअर डैड’ से करनी चाहिए। रॉबर्ट टी. कियोसाकी ने इसके बाद रिच डैड सीरीज में बहुत सारी किताबें लिखीं, लेकिन कोई इस सफलता को नहीं दोहरा सकी, जो ‘रिच डैड, पुअर डैड’ को मिली। उनकी दूसरी चर्चित किताबों में ‘द बिजनेस स्कूल फॉर पीपल, हू लाइक टू हेल्पिंग पीपल, ‘द बिजनेस ऑफ द ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी’, ‘व्हाय रिच आर गेटिंग रिचर’ प्रमुख हैं।
यह वह किताब है, जिसे अमेरिका की ओपरा विन्फ्रे और विल स्मिथ जैसी हस्तियां एन्डोर्स कर चुकी हैं। और तो और, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप रॉबर्ट के क्रान्तिकारी विचारों से इतना प्रभावित हुए कि उनके साथ दो किताबों के लिए लिटरेरी कोलैबोरेशन तक कर डाला। पहली थी 2006 में आई ‘व्हाय वी वांट यू टू बी रिच, टू मैन वन मैसेज’ और दूसरी 2011 की ‘मिडास टच: व्हाय सम आंट्रप्रेन्योर्स गेट रिच— एंड व्हाय मोस्ट डॉन्ट’।
इस किताब में बार-बार जिस जोखिम को स्वीकार करने का आग्रह किया है, रॉबर्ट ने वही जोखिम तब उठाया। नतीजा इस किताब की चमत्कारिक सफलता के रूप में सबके सामने है। सौ से अधिक देशों की पचास से ज्यादा भाषाओं में छप चुकी ‘रिच डैड, पुअर डैड’ की चार करोड़ से अधिक प्रतियां बिक चुकी हैं। अगर इन आंकड़ों पर यकीन करें तो निष्कर्ष निकलता है कि दुनिया के हर 200 में से एक आदमी ने यह किताब खरीदी है। यह ऐसी किताब है, जिस पर करीब एक दर्जन किताबें दूसरे लेखक लिख चुके हैं।