पतंजलि औषध दर्शन
पतंजलि औषध दर्शन बुक पीडीएफ हिंदी में जिसमे आपको आयुर्वेद के बारे में पढ़ने को मिलेंगे। जड़ी-बूटियों का सेवन अलग-अलग प्रकार से किया जाता है। कई जड़ी-बूटियों को भोजन में मिलाकर, कई को उबालकर लेने के साथ ही काढ़ा, रस, अर्क सहित कैप्सूल और गोली के रूप में भी दिया जाता है। जड़ी-बूटियां किस रोग में किस रोगी को किस तरह दी जानी हैं, इसका फैसला वैद्य, चिकित्सक, हकीम करते हैं। किस जड़ी बूटी को कितने समय तक और कितनी आंच में रखना है यह सब हर्बल उत्पादों के विशेषज्ञ तय करते हैं।
जड़ी बूटी के पौधे से निकाला गया रस या अर्क एक विशेष सामग्री होती है। जिसे कई बार किसी अन्य विलायक (घुल जाने वाला पदार्थ) की मदद से पौधे से निकाला जाता है। जड़ी बूटियों के अर्क को निकालने के लिए आमतौर पर पानी, एथेनॉल या क्लोरोफॉर्म का इस्तेमाल किया जाता है।
कुछ जड़ी बूटियां चाय या इनफ्यूजन प्रक्रिया के रूप में ली जाती हैं। ये हर्बल उत्पाद लेने का प्रमुख तरीका माना जाता है। इसमें जड़ी बूटी को कुछ निश्चित समय तक पानी में उबाला जाता है। कुछ जड़ी बूटियों को कम तो अन्य को अधिक समय तक उबाला जाता है।