असली प्राचीन महा इंद्रजाल
इंद्रजाल (500 साल पुराना इंद्रजाल) भारतीय परंपराओं में तंत्र, मन्त्र, और जादू के अध्ययन के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत माना जाता है। इसमें विशेष रूप से तंत्रिक उपाय, टोटके, और मंत्रों का वर्णन किया जाता है, जिनका उपयोग आध्यात्मिक और आरोग्य संबंधित उद्देश्यों के लिए किया जाता है।
यह असली पुराना इन्द्रजाल जिसके पास होगा, उसे संसार में भला किस बात की कमी रहेंगी ? धन, मान, यश. संतान, रात्र पर विजय जो भी इच्छा हो, इससे पूरी हो जाती है। असली पुराना इन्द्रजाल धापके हाथों में है। यह शिवजी महाराज का रचा हुआ पुराना इन्द्रजाल ग्रन्थ है । अतः इसे पवित्र स्थान पर रखना धीर शरीर व मन पवित्र रखकर इसे हाथ में लेना अथवा पाठ करना चाहिए और श्रद्धालु मज्जन गल्ले, तिजोरी, ट्रक, पल्मारी में रखें। फिर देखें इसका चमत्कार ।
यह सभी जानते हैं कि संसार में एक पत्ता भी भगवान की इच्छा के बिना नहीं हिलता परन्तु मनुष्य को चेष्टा करनी चाहिए। कर्म मनुष्य का धर्म है और फल देने वाला ईश्वर है । यतः ईश्वर को सर्वव्यापी जानकर इसकी क्रियाएं करें। कोई कार्य ऐसा न करें, जिससे दूसरों का अनिष्ट हो । पहले दूसरों का भला करें, फिर अपना भला करे और तभी ईश्वर आपका भला करेगा।
इन्द्रजाल पुराने छापे का – Index
- प्रथम पद
- निशान पर तीर लगे
- कपड़े की घोट में निशांना मारना
- ऋणी धनी का विचार
- वर्ग मिलाना
- मछली पैदा होवे
- मरी मछली जल में तेरे
- राशि का मिलाना
- राशि जानने की रीति
- बुझा दीपक बिना भग्नि जले
- राशि चक्र
- अनोखा तमाशा
- दीपक बिन उजियारा होय
- पानी में दीपक जले
- राशि भेद चक्र
- दीपक का उजाला न हो
- चन्द्रमा के फल
- दो दीपक लड़ें
- दांत मुख से निकलें
- मास और वार वृत्तान्त
- रात्रि के १२ दुर्घड़िये
- चांदनी न जरे
- तिथि वृत्तान्त
- धुंध जाती रहे
- भद्रा वृत्तान्त
- सर्प खाये की घोषध
- सर्प विष हरण
- धतूरा विष हरण
- बावरे कुत्ते का विष जाय
- दिन- दिशा व विदिशा के विचार
- बिच्छू पकड़ना
- बिच्छू विष हरण
- मन्त्र की प्रकृति जानने की विधि
- अग्नि शीतल करण विधि
- लगी अग्नि को बुझाना
- कलाबत्तु बनाने की विधि
- सोने की चीज को जिला देना
- मुरदास बनाने की क्रिया
- तलवार को जोहरदार करना
- युद्ध में घाव न आने की विधि
- बाल दूर करण विधि
- तरकीब रसकपूर की
- तरकीब रूमी शिगरफ
- पारे का कटोरा बनाने की विधि
- सोने के मुलम्मे पर जिला देना
- सोने के मुलम्मे का दाग दूर करना
- सोने का मुलम्मा छुड़ाना
- हरेक धातु पर सुनहरी रंग चढ़ाना
- तरकीब फुलझड़ी
- आसन पर बैठने की विधि
- जल थंभन विधि
- युद्ध से कुशल भावे चलने की विधि
- ढोल बजे मदला नहीं दीखे
- सभा कानी दीखे
- पानी का मठा दीखे
- चौकी से न उठ सके
- दन में तारे दीखें
- महताब बनाना
- ज्वार भुने
- मुर्गी का मण्डा कूदे. फांदे
- मुठ्ठी में ज्वार भुने
- नीबू उछले- कूदे
- सरसों जमे
- कबूतर के घण्टे पर जैसा चिन्ह
- हथेली पर सरसों जमे
- बनावे वैसा बच्चा पैदा हो
- ग्राम का पेड़ उपजे
- घानी का तेल ऊंचा होय
- चार मूसर लड़ें
- पनिहारी का घड़ा टूटे
- तिलक राजसभा जीतने का
- भट्ठी फूटे
- नगारा फूटे
- बहती नाव थमे
- कोल्हू चलता रुके
- चाशनी बिगड़े
- हाथ अग्नि से न जले
- मुर्गा वांग न दे सके
- ताते. गोला को सूते
- नींद आवे
- भाग से वस्त्र न जले
- नींद नहीं प्रवे
- मुख न भुसें
- कोड़ी का नाम रूप-गुण
- जल बंधे और खुले
- भूख प्यास बन्द हो
- कच्चे घड़े में जल भरे
- जल को धुम्रां खींचे
- पतंगे दीया के पास न धावें
- कढ़ाही में भाग न लगे
- खटमल निकसें
- चूल्हे बड़े धान पके नहीं
- मां निकले
- माली की डलिया से फूल-फूल
- पक्षी पकड़ने की विधि
- बाहर निकल पड़े
- शराब का नशा मिटे
- सीसा में अग्नि दीसे
- घोड़ा होय
- बिल्ली होय