शनि स्तुति – Shani Stuti PDF

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शनि स्तुति – Shani Stuti
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शनि स्तुति – Shani Stuti

नमस्कार दोस्तों! आज हम आपके लिए शनि स्तुति PDF लाए हैं। यदि आप शनि स्तुति को संस्कृत में डाउनलोड करना चाहते हैं, तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं। नीचे दिए गए लिंक का उपयोग करके आप इसे आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। शनि देव फल दाता हैं और उनके अनुसार, व्यक्ति को उसके कर्मों का फल मिलता है। इसीलिए शनिवार का दिन विशेष महत्व रखता है।

शनि स्तुति का महत्व

शनि स्तुति का नियमित पाठ करने से भगवान शनि प्रसन्न होते हैं और जीवन की तमाम मुश्किलों से मुक्ति मिलती है। इससे जीवन खुशहाल होता है। शनि देव की पूजा करके आप उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं। विशेष रूप से शनिवार को शनि देव की आरती और स्तुति करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। इस लेख के माध्यम से हम आपको शनि स्तुति PDF प्रदान कर रहे हैं, जिसे आप नीचे दिए गए लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं।

शनि स्तुति – Shani Stuti

नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च
नम: कालाग्नि रुपाय कृतान्ताय च वै नम:
नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च
नमो विशालनेत्राय शुष्कोदरे भयाकृते
नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेsथ वै नम:
नमो दीर्घाय शुष्काय कालद्रंष्ट्र नमोaस्तुते
नमस्ते कोटराक्षाय दुर्निक्ष्याय वै नम:
नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने
नमस्ते सर्वभक्षाय बलीमुख नमोaस्तु ते
सूर्यपुत्र नमस्तेaस्तु भास्करेaभयदाय च
अधोदृष्टे: नमस्तेaस्तु संवर्तक नमोaस्तु ते
नमो मंदगते तुभ्यं निर्स्त्रिंशाय नमोaस्तुते
तपसा दग्ध-देहाय नित्यं योगरताय च
नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम:
ज्ञानचक्षुर्नमस्तेaस्तु कश्यपात्मज – सूनवे
तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात
देवासुरमनुष्याश्च सिद्ध – विद्याधरोरगा
त्वया विलोकिता: सर्वे नाशं यान्ति समूलत:
प्रसाद कुरु मे सौरे ! वारदो भव भास्करे
एवं स्तुतस्तदा सौरिर्ग्रहराजो महाबल:

भगवान शनि देव जी की आरती

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥
जय जय श्री शनि देव….

श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।
नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥
जय जय श्री शनि देव….

क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥
जय जय श्री शनि देव….

मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥
जय जय श्री शनि देव….

देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी।
जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।

शनि स्तुति पाठ के लाभ

  • शनि देव की उपासना से जीवन सुखी होता है।
  • शनि की महादशा व अन्तर्दशा में लाभ होता है।
  • शनि की साढेसाती में लाभ होता है।
  • न्यायलय संबंधी कार्यों में सफलता मिलती है।
  • दुर्घटनाओं से सुरक्षा होती है।

शनि देव के मंत्र

इन मंत्रों के जप से शनि देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जप करने से बहुत अधिक लाभ होता है।

ॐ शं शनैश्चराय नमः
“ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः”
“ॐ शन्नो देविर्भिष्ठयः आपो भवन्तु पीतये। सय्योंरभीस्रवन्तुनः।”

नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम।

आप नीचे दिए गए लिंक का उपयोग करके शनि स्तुति | Shani Stuti PDF डाउनलोड कर सकते हैं।

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