पार्वती जी की आरती (Parvati Ji ki Arti)
पार्वती जी की आरती (Parvati Ji ki Arti) हर भक्त के लिए महत्वपूर्ण है। पार्वती, जिन्हें उमा या गौरी भी कहा जाता है, मातृत्व, शक्ति, प्रेम, सौंदर्य, सद्भाव, विवाह, और संतानों की देवी हैं। देवी पार्वती कई अन्य नामों से भी जानी जाती हैं और वे सर्वोच्च हिंदू देवी परमेश्वरी आदि पराशक्ति (शिवशक्ति) की पूर्ण साकार रूप या अवतार हैं। शाक्त सम्प्रदाय में वे एक प्रमुख देवी मानी जाती हैं, और उनके असंख्य गुण और पहलू हैं। इनके प्रत्येक पहलू को एक अलग नाम से व्यक्त किया जाता है, जिससे भारत की क्षेत्रीय हिंदू कहानियों में 10,000 से अधिक नाम मिलते हैं। इस प्रकार की विभिन्नता हमें उनकी महानता को और बेहतर समझने का अवसर देती है।
पार्वती जी की आरती Lyrics
जय पार्वती माता जय पार्वती माता
ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल कदा दाता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता
जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा
देव वधु जहं गावत नृत्य कर ताथा।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता
हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
शुम्भ निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता
सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाथा।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
सृष्टि रूप तुही जननी शिव संग रंगराता
नंदी भृंगी बीन लाही सारा मदमाता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
देवन अरज करत हम चित को लाता
गावत दे दे ताली मन में रंगराता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता
सदा सुखी रहता सुख संपति पाता।
जय पार्वती माता मैया जय पार्वती माता।
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