Karwa Chauth Aarti (करवा चौथ आरती)
करवा चौथ आरती (करवा चौथ आरती)
करवा चौथ एक प्रमुख हिन्दू त्योहार है, जो पति की लंबी उम्र की कामना करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएँ निर्जला व्रत रखती हैं। इस विशेष व्रत को संपन्न करने के लिए पूजा के अंत में करवा चौथ माता की आरती करना अत्यंत आवश्यक है। यह आरती करवा चौथ के दिन गाई जाती है, और यह अनुष्ठान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
करवा चौथ के महत्व
इस व्रत के दौरान महिलाएँ दिनभर कुछ भी नहीं खातीपीती हैं, और रात में चाँद को देखकर करवा चौथ माता का पूजन करती हैं। चाँद को अर्घ्य देने के बाद इस व्रत का समापन किया जाता है। जब भी आप करवा चौथ माता का पूजन करें, तो पूजा के बाद इस आरती का गान जरूर करें। इससे आपका पूजन पूरा माना जाता है और आपको इसका शुद्ध लाभ प्राप्त होता है। करवा चौथ माता का व्रत संपन्न करने के लिए पूजा के अंत में आर्टी का गायन आवश्यक है।
करवा चौथ आरती इन हिन्दी – Karwa Mata Ki Aarti Lyrics
ऊँ जय करवा मइया, माता जय करवा मइया ।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।
ऊँ जय करवा मइया।
सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी।
यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी।।
ऊँ जय करवा मइया।
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती।
दीर्घायु पति होवे, दुख सारे हरती।।
ऊँ जय करवा मइया।
होए सुहागिन नारी, सुख सम्पत्ति पावे।
गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे।।
ऊँ जय करवा मइया।
करवा मइया की आरती, व्रत कर जो गावे।
व्रत हो जाता पूरन, सब विधि सुख पावे।।
ऊँ जय करवा मइया।
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