शनि प्रदोष व्रत कथा – Shani Pradosh Vrat Katha Saturday PDF

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शनि प्रदोष व्रत कथा – Shani Pradosh Vrat Katha Saturday

शनि प्रदोष व्रत कथा – Shani Pradosh Vrat Katha Saturday

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। शनिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत कह जाता है। इस दिन भगवान शिव के साथ शनि देव की पूजा भी की जाती है। शास्त्रों के अनुसार, शनि प्रदोष व्रत के दिन शनि देव को काला तिल, काला वस्त्र, तेल, उड़द की दाल अर्पित करना शुभ माना जाता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शनि देव को ये चीजें अर्पित करने से भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं। जानिए प्रदोष व्रत के दिन शनिदेव को कैसे करें प्रसन्न-

शनि प्रदोष व्रत कथा – Shani Pradosh Vrat Katha Hindi

शनि प्रदोष व्रत की पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीनकाल में एक नगर सेठ थे। सेठजी के घर में हर प्रकार की सुख-सुविधाएं थीं लेकिन संतान नहीं होने के कारण सेठ और सेठानी हमेशा दुःखी रहते थे।

काफी सोच-विचार करके सेठजी ने अपना काम नौकरों को सौंप दिया और खुद सेठानी के साथ तीर्थयात्रा पर निकल पड़े। अपने नगर से बाहर निकलने पर उन्हें एक साधु मिले, जो ध्यानमग्न बैठे थे। सेठजी ने सोचा, क्यों न साधु से आशीर्वाद लेकर आगे की यात्रा की जाए।

सेठ और सेठानी साधु के निकट बैठ गए। साधु ने जब आंखें खोलीं तो उन्हें ज्ञात हुआ कि सेठ और सेठानी काफी समय से आशीर्वाद की प्रतीक्षा में बैठे हैं। साधु ने सेठ और सेठानी से कहा कि मैं तुम्हारा दुःख जानता हूं। तुम शनि प्रदोष व्रत करो, इससे तुम्हें संतान सुख प्राप्त होगा।

साधु ने सेठ-सेठानी प्रदोष व्रत की विधि भी बताई और भगवान शंकर की यह वंदना बताई।

शनि प्रदोष व्रत कथा, तरीका और पूजा विधि  – Saturday Pradosh Vrat Katha & Pooja Vidhi

शनि प्रदोष व्रत करने का तरीका :-

शनि प्रदोष व्रत खास तौर पर शनि की दशा को दूर करने के लिए किया जाता है। इस दिन शनि स्त्रोत का पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है। मान्यता है कि यह व्रत करने से पुत्र की प्राप्ति होती है। इस दिन यदि शनि से संबंधित कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो दुर्भाग्य भी दूर होता है। इस दिन बिना जल पिए व्रत रखा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन बूंदी के लड्डू यदि काली गाय को खिलाएंगे तो भाग्योदय होगा। इसके साथ ही काले कुत्ते को तेल से चुपड़ी हुई रोटी खिलानी चाहिए। शनि प्रदोष के दिन कम से कम एक माला शनि मंत्र का जाप करना चाहिए। जाप के दौरान उच्चारण शुद्ध रहना चाहिए। इसके अलावा गरीब को तेल में बने खाद्य पदार्थ खिलाए

शनि प्रदोष व्रत पूजा विधि-

  • प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ कपड़े धारण करें।
  • भगवान शंकर और माता पार्वती को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं।
  • अब भगवान को बेल पत्र, गंध, अक्षत , फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग व इलायची अर्पित करें।
  • शाम को भगवान शिव की इसी तरह पूजा करें और पुनः एक बार उक्त सभी सामग्री भगवान को अर्पित करें। इस दिन अगर संभव हो
  • तो इस दिन कांसे की कटोरी में तिल का तेल लेकर अपना चेहरा देखना चाहिये और जो भी शनिदेव के नाम का दान स्वीकार करता हो उसे तेल दान कर दें।
  • इस दिन बूंदी के लड्डू काली गाय को और काले कुत्ते को तेल से चुपड़ी हुई रोटी खिलाने से भाग्योदय होता है।
  • शनि प्रदोष के दिन कम से कम एक माला शनि मंत्र का जाप करना चाहिए।
  • गरीब को तेल में बने खाद्य पदार्थ खिलाएं।
  • शनिदेव की प्रतिमा को देखते समय भगवान की आंखों में नहीं देखें।
  • इस दिन पीपल को जल देने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं।

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