Karva Chauth Poojan Vidhi & Samagree List (करवा चौथ पूजन विधि और सामग्री सूची)
करवा चौथ हिन्दुओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह भारत के पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान का पर्व है। यह पर्व कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। सौभाग्यवती (सुहागिन) स्त्रियाँ इस पर्व को बड़े धूमधाम से मनाती हैं। करवा चौथ का व्रत सुबह सूर्योदय से पहले लगभग 4 बजे के बाद शुरू होता है और रात में चंद्रमा के दर्शन के बाद संपन्न होता है।
करवा चौथ पूजा सामग्री – Karva Chauth Pooja Samagree
करवा चौथ की पूजा के लिए आपको कई विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है। इन सभी चीजों का एकत्रीकरण आपकी पूजा को सफल बनाने में मदद करेगा। आपकी पूजा की थाली में रोली, महावर, लौंग-कर्पूर, जल से भरा लोटा, प्रसाद, फूल, घी का दीपक, धूपबत्ती, श्रृंगार का सामान, दूर्वा, मिट्टी का करवा और चावल या मीठे बताशे रखने चाहिए। इसके साथ ही करवा चौथ कैलेंडर, शिव पार्वती और भगवान गणेश की प्रतिमाएं भी तैयार रखें। जो भोजन आप बनाएँगे, उसे भी साथ में रखें।
करवा चौथ पूजा विधि – Karva Chauth Pooja Vidhi
- सबसे पहले, करवा चौथ की सभी आवश्यक पूजा सामग्री एकत्र करें।
- व्रत के दिन प्रातः स्नान के बाद यह संकल्प बोलकर करवा चौथ व्रत का आरंभ करें:
- ‘मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।’
- पूरे दिन निर्जला रहें।
- दीवार पर गेरू से फलक बनाकर पिसे चावलों के घोल से करवा चित्रित करें। इसे वर कहते हैं, और इसे करवा धरना कहा जाता है।
- आठ पूरियों की अठावरी बनाएं और हलुआ तैयार करें।
- पीली मिट्टी से गौरी बनाएं और उनकी गोद में गणेश जी बनाकर बिठाएं।
- गौरी को लकड़ी के आसन पर बिठाकर आसन को चौक पर रखें। गौरी का श्रृंगार करें पुरानी सामग्री जैसे चुनरी, बिंदी आदि से।
- जल से भरा हुआ लोटा रखें।
- भेंट देने के लिए मिट्टी का टोंटीदार करवा लें। इसमें गेहूं और शक्कर का बूरा भरें।
- रोली से करवा पर स्वस्तिक बनाएं।
- गौरी-गणेश और चित्रित करवा की पूजा करें और पति की दीर्घायु की कामना करें।
- “नमः शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभाम्। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे॥”
- करवा पर 13 बिंदी रखें और गेहूं या चावल के 13 दाने लेकर करवा चौथ की कथा सुनें या सुनाएं।
- कथा सुनने के बाद, करवा को घुमाकर अपनी सासु जी के पैर छूकर आशीर्वाद लें और करवा उन्हें दे दें।
- तेरह दाने गेहूं के और पानी का लोटा या टोंटीदार करवा अलग रख लें।
- रात में चंद्रमा निकलने पर छलनी की ओट से उसे देखें और चंद्रमा को अर्घ्य दें।
- इसके बाद, पति से आशीर्वाद लें और उन्हें भोजन कराएं, और स्वयं भी भोजन करें।
पूजन के बाद, आस-पड़ोस की महिलाओं को करवा चौथ की बधाई देकर पर्व को संपन्न करें।
करवा चौथ शुभ मुहूर्त 2024
- हिन्दू पंचांग अनुसार, 20 अक्टूबर रविवार को सुबह 6 बजकर 46 मिनट पर चतुर्थी तिथि शुरू हो गई है और 21 अक्टूबर सोमवार की सुबह 4 बजकर 17 मिनट तक रहेगी। इस साल करवा चौथ के लिए 1 घंटे से ज्यादा पूजा का शुभ मुहूर्त मिल रहा है। गौर करने वाली बात यह रहेगी की शाम में राहुकाल भी लग रहा है।
- करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05:46 से 07:02 तक रहेगा। इसके साथ ही व्रत सुबह 06:25 से रात 07:54 तक रहेगा।
- करवा चौथ पर चांद निकलने का समय शाम 7 बजकर 54 मिनट का है। शहर के हिसाब से थोड़ा आगे पीछे हो सकता है।
करवा चौथ व्रत सामग्री / Karwa Chauth Pooja Samagri List
- करवा चौथ व्रत के लिए मिट्टी का एक करवा और उसका ढक्कन चाहिए।
- माँ गौरी या चौथ माता एवं गणेश जी की मूर्ति बनाने के लिए काली या पीली मिट्टी चाहिए।
- पानी के लिए एक लोटा।
- गंगाजल।
- गाय का कच्चा दूध, दही एवं देसी घी।
- अगरबत्ती, रूई और एक दीपक।
- अक्षत, फूल, चंदन, रोली, हल्दी और कुमकुम।
- मिठाई, शहद, चीनी और उसका बूरा।
- बैठने के लिए आसन।
- इत्र, मिश्री, पान एवं खड़ी सुपारी।
- पूजा के लिए पंचामृत।
- अर्घ्य के समय छलनी।
- भोग के लिए फल एवं हलवा-पूड़ी।
- सुहाग सामग्री:
- महावर,
- मेहंदी,
- बिंदी,
- सिंदूर,
- चूड़ी,
- कंघा,
- बिछुआ,
- चुनरी आदि।