Totto Chan
“तोत्तो-चान” 1981 में प्रकाशित एक जापानी उपन्यास है। इसमें तोत्तो-चान नाम की छोटी बच्ची की कहानी है, जो बाल सुलभ कौतुहल व जिज्ञासाओं से लबरेज व खुशमिजाज है। जब तोत्तो-चान स्कूल जाती है, तब उसे भी बाकी सब की तरह बाल शिक्षा के पारंपरिक विचारों व पढ़ाने के वही रटे-रटाए तरीके से पढ़ाई लिखाई में बिल्कुल दिलचस्पी नहीं रहती।
इस नाटक की प्रस्तुति भोपाल से आए जाने माने नाट्य समूह “विहान” ने दी। नाटक की परिकल्पना, मंच सज्जा, गीत-संगीत आदि का संयोजन और निर्देशन सौरभ अनंत ने किया। संगीत निर्देशन हेमंत देवलेकर ने किया और करीब 25 कलाकारों ने अलग-अलग पात्रों को जीवंत किया। इसमें तोत्तो-चान की भूमिका निभाने वाली तनिष्का भी शामिल है। नाटक का प्रदर्शन अब तक देश के 60 से अधिक स्थानों में किया जा चुका है। नाटक की कहानी शिक्षक व बच्चों के रिश्ते को बखूबी पेश करती है। मुख्य पात्र तोत्तो-चान एक बातूनी और खुशमिजाज लड़की है, जिसके मन में ढेरों सवाल हैं। उसकी जिज्ञासा को स्कूल के हेडमास्टर ने पहचाना और उसे अभिव्यक्ति की जगह दी।
इस नाटक को देखने के लिए कुरुद के करीब 5 सौ शिक्षकों को आमंत्रित किया गया था। दर्शक दीर्घा खचाखच भरी रही। शिक्षकों के अलावा बड़ी संख्या में बच्चे, बुद्धिजीवी और शिक्षा व विकास के क्षेत्र से जुड़े शासकीय अधिकारी, गैर सरकारी संगठनों के लाेग भी मौजूद थे। अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन, ज़िला शिक्षा विभाग, डाइट और सर्व शिक्षा अभियान के संयुक्त तत्वावधान में किए इस नाटक का प्रदर्शन कुरुद के अलावा प्रदेश के 5 अन्य स्थानों पर भी किया जा चुका है। रविवार को नगरी के सांस्कृतिक भवन और सोमवार को मगरलोड के सद्भावना भवन में इसका मंचन होगा।