Original Valmiki Ramayan Book Hindi
रामायण किताब भगवान श्री राम के चरित्र का पूर्ण एवं सटीक वर्णन करने वाला ग्रंथ है, जिसमें भगवान श्री राम के जन्म से लेकर उनके परमधाम गमन तक की सभी घटनाओं का वर्णन है। भगवान श्री राम को श्री हरि विष्णु का दसवां अवतार माना जाता है, जिन्होंने अपने पिता के वचन का पालन करते हुए 14 वर्ष का वनवास स्वीकार किया और अपना राज्य अपने भाई भरत को देकर वन में चले गये। राजा की कोई सीमा नहीं होती. इसी प्रकार धर्म की रक्षा के लिए श्रीराम वन में जाकर राक्षसों का संहार करने लगे।
वाल्मिकी रामायण में 645 श्लोकों के सात कांड हैं, जिनकी कुल संख्या 23,440 श्लोक है। इस महाकाव्य का प्रत्येक श्लोक हमें जीवन में सत्य के मार्ग पर चलने का ज्ञान देता है और सदैव अनेक कार्य करने की प्रेरणा देता है। वाल्मिकी रामायण को वाल्मिकी रामायण और आदि रामायण के नाम से भी जाना जाता है।
रामायण के सात काण्ड (अध्याय)
रामायण के कुल सात अध्याय है जिसे काण्ड के नाम से संबोधित किया गया है, इन सात अध्यायों के नाम इस प्रकार से है:-
- बालकाण्ड
- अयोधयकाण्ड
- अरण्यकाण्ड
- किष्किन्धाकाण्ड
- सुन्दरकाण्ड
- युद्धकाण्ड
- उतराकाण्ड
प्राचीन ग्रन्थों में वाल्मीकीय रामायण का उल्लेख – अग्निपुराण, गरुड़पुराण, हरिवंश पुराण (विष्णु पर्व), स्कन्द पुराण (वैष्णव खण्ड), मत्स्यपुराण, महाकवि कालिदास रचित रघुवंश, भवभूति रचित उत्तर रामचरित, वृहद्धर्म पुराण जैसे अनेक प्राचीन ग्रन्थों में महर्षि वाल्मीकि एवं उनके महाकाव्य रामायण का उल्लेख मिलता है। वृहद्धर्म पुराण में इस महाकाव्य की प्रशंसा “काव्य बीजं सनातनम्” कह कर की गयी है।यही निम्नलिखित ग्रन्थ है।