1857 की कहानी (1857 Ki kranti)
1857 की कहानी (1857 Ki Kahani) एक पुस्तक है जो भारतीय इतिहास के एक महत्वपूर्ण अध्याय को समर्पित है। यह पुस्तक वर्ष 1857 में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय के घटनाओं की कहानी को बताती है। इस वर्ष को भी “पहली स्वतंत्रता संग्राम” या “सिपाही बगावत” के नाम से जाना जाता है।
पुस्तक में, लेखक ने इस विद्रोही संग्राम के प्रमुख कारणों, संघर्ष की विभिन्न घटनाओं, और इसके प्रमुख सरदारों के बारे में विस्तार से चर्चा की है। यहां बताए गए किस्से, आंदोलन के विभिन्न क्षेत्रों में हुए संघर्षों की अनूठी और आविष्कारी रूपरेखा को दर्शाते हैं।
इस पुस्तक में पढ़ने वालों को विभिन्न व्यक्तियों जैसे रानी लक्ष्मीबाई, बाहादुरशाह जफर, नाना साहेब, और बाकी बहुत सारे योद्धाओं के अद्वितीय कहानियां पढ़ने का मौका मिलता है। इन कथाओं और विवरणों के माध्यम से, पाठक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में हुए वीरता और साहस को अनुभव करते हैं।
1857 Ki Kahani by Prannath Vanprasthi
- नाना साहब पेशवा और क्रान्ति का आरम्भ
- महारानी लक्ष्मीबाई
- सेनापति तात्याटोपे
- मुहम्मद बख्तखां
- कुंवरसिंह
- अहमदशाह
- पंजाब के क्रान्तिकारी
- एक नवयुवक राजा
- बाबासाहब
- उपसंहार
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